कोविड से ठीक होने के बाद अब मरीजों की गल रही हैं हड्डियां, जानें क्या है इस बीमारी की वजह?
punjabkesari.in Monday, Jul 05, 2021 - 09:26 AM (IST)
दुनिया भर में फैली कोरोना माहामारी ने जहां लाखों-करोड़ों लोगों की जान ले ली हैं। वहीं, कोरोना से उबरने के बाद भी यह वायरस मरीज की जान नहीं छोड़ रहा। दरअसल, हाल ही में म्यूकोरमाइकोसिस यानि कि ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए थे वहीं अब एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी 'बोन डेथ' के तीन नए मामले आए हैं।
क्या है एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी 'बोन डेथ'
एवैस्कुलर नेक्रोसिस में हड्डियां गलने लगती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बोन टिशू तक ब्लड ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाता।
इस बीच महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कम से कम तीन मामले एवैस्कुलर नेक्रोसिस के पाए गए हैं। डॉक्टरों की आशंका है कि अगले कुछ समय में यह मामले और बढ़ सकते हैं।
क्या है इस बीमारी की वजह?
ब्लैक फंगस और एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों के मामलों की प्रमुख वजह स्टेरॉयड्स को बताया जा रहा है। बता दें कोविड पेशेंट्स को ठीक करने के लिए कई मामलों में स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल किया जाता है।
तीनों मरीज डॉक्टर थे -
वहीं, एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में 40 साल की उम्र से कम के तीन मरीजों का इलाज किया गया, यह मामले उनके कोविड से उबरने के बाद सामने आए। माहिम स्थित हिंदुजा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय अग्रवाल ने कहा कि इनको फीमर बोन यानि कि जांघ की हड्डी का सबसे ऊंचा हिस्सा में दर्द हुआ। तीनों मरीज डॉक्टर थे इसलिए उन्हें लक्षण पहचानने में आसानी हुई ऐसे में वह तुरंत इलाज के लिए आए।
इस कारण आए यह मामले-
इसी बीमारी अग्रवाल का रिसर्च पेपर 'एवैस्कुलर नेक्रोसिस ए पार्ट ऑफ लॉन्ग कोविड-19' मेडिकल जर्नल 'बीएमजे केस स्टडीज' में प्रकाशित हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि कोविड -19 मामलों में 'जीवन रक्षक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल' के चलते “AVN मामलों में बढ़ोत्तरी होगी। रिपोर्ट के अनुसार कुछ अन्य आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट्स ने बताया कि उन्होंने भी कोविड के बाद के रोगियों में ऐसे एक या दो मामले देखे हैं।