खून को पतला रखने के लिए जरूरी हैं ये चीजें, नहीं तो बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा
punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 05:19 PM (IST)

नारी डेस्क : आपने कई बार सुना होगा कि शरीर में खून का पतला और साफ बहना बहुत जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजों की कमी से हमारा खून गाढ़ा हो सकता है? जब खून गाढ़ा हो जाता है, तो यह शरीर की नसों में आसानी से नहीं बह पाता। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और खून का थक्का जमने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है और हम इससे कैसे बच सकते हैं।
क्यों होता है खून का गाढ़ा होना?
हमारे खून में लाल रक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा का सही अनुपात होना चाहिए। जब यह अनुपात बिगड़ता है, तो खून चिपचिपा और गाढ़ा हो जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण है कुछ खास पोषक तत्वों की कमी। जब शरीर में ये चीजें कम हो जाती हैं, तो खून की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और वह गाढ़ा होने लगता है।
इन चीजों की कमी से खून होता है गाढ़ा
पानी की कमी
जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो खून की मात्रा कम हो जाती है। इससे खून गाढ़ा हो जाता है और नसों में धीरे-धीरे बहता है। आपने देखा होगा कि गर्मी में या जब हम कम पानी पीते हैं, तो हमें थकान और कमजोरी महसूस होती है। इसका एक कारण खून का गाढ़ा होना भी हो सकता है।
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आयरन की कमी
आयरन हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। हीमोग्लोबिन वह चीज है जो ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाती है। जब आयरन की कमी होती है, तो हीमोग्लोबिन कम बनता है और खून में ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है। इससे खून गाढ़ा हो जाता है और हमें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
विटामिन B12 और फोलेट की कमी
ये दोनों विटामिन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करते हैं। जब इनकी कमी होती है, तो लाल रक्त कोशिकाएं ठीक से नहीं बन पातीं। इससे खून की गुणवत्ता खराब होती है और खून गाढ़ा होने के साथ-साथ थक्का जमने का खतरा भी बढ़ जाता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी
ओमेगा-3 फैटी एसिड एक ऐसा पोषक तत्व है जो खून को पतला रखने में मदद करता है। यह खून के प्रवाह को सुचारू बनाता है। जब शरीर में ओमेगा-3 की कमी होती है, तो खून की चिपचिपाहट बढ़ जाती है और वह गाढ़ा होने लगता है।
विटामिन E की कमी
विटामिन E एक प्राकृतिक खून पतला करने वाला तत्व है। यह खून के थक्के जमने को रोकता है। जब शरीर में विटामिन E की कमी होती है, तो खून जल्दी थक्का बनाने लगता है और थ्रॉम्बोसिस (खून का थक्का जमना) का खतरा बढ़ जाता है।
इन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है
जब खून गाढ़ा हो जाता है, तो यह कई गंभीर बीमारियों का दरवाजा खोल देता है:
हार्ट अटैक: गाढ़ा खून दिल की धमनियों में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक: खून का थक्का दिमाग तक पहुंचकर रक्त के प्रवाह को रोक सकता है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है।
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों की नसों में खून का थक्का जम जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर: गाढ़ा खून धमनियों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
ऐसे करें बचाव
खून के गाढ़ा होने से बचने के लिए हम कुछ आसान उपाय कर सकते हैं
पर्याप्त पानी पिएं: रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। गर्मी में इस मात्रा को बढ़ाएं।
संतुलित आहार लें: अपनी थाली में हरी सब्जियां, फल, मछली और ड्राई फ्रूट्स जरूर शामिल करें।
पोषक तत्वों को न नजरअंदाज करें: आयरन, विटामिन B12, फोलेट और ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।
नुकसानदेह आदतों से दूरी बनाएं: धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट की सैर या हल्का व्यायाम खून के प्रवाह को बेहतर बनाता है।
वजन पर रखें नियंत्रण: मोटापा भी खून के गाढ़ा होने का एक कारण हो सकता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
"खून का गाढ़ा होना कोई हल्की समस्या नहीं है। जब शरीर में पानी या जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है, तो खून के थक्के जमने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। लोगों को डिहाइड्रेशन से बचना चाहिए, संतुलित आहार लेना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहना चाहिए। अगर थकान, सांस फूलना या सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।"
खून का गाढ़ा होना एक खतरनाक स्थिति है जो कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। पानी, विटामिन्स और जरूरी पोषक तत्वों की कमी इसका मुख्य कारण है। लेकिन अच्छी बात यह है कि सही समय पर संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम इस खतरे को कम कर सकते हैं। अपने शरीर के संकेतों को समझें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी शोध अध्ययनों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। इसे चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में न लें। किसी भी नई गतिविधि या आहार को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।