Periods में थक्केदार खून को न लें हल्के में, हो सकते हैं इन बीमारियों के संकेत
punjabkesari.in Sunday, Feb 11, 2024 - 05:06 PM (IST)
पीरियड्स में दौरान आने वाला खून का रंग कोई बीमारी का संकेत भी हो सकता है। कई बार पीरियड ब्लड का रंग डार्क लाल, तो कभी हल्का लाल तो कभी पीलेपन में होता है। वहीं कई बार पीरियड में खून के थक्के भी दिखाई देते हैं, जिसे महिलाएं नॉर्मल समझती हैं। लेकिन अगर ये खून के थक्के कई बार ज्यादा मात्रा में निकल रहे हैं तो ये किसी खतरनाक बीमारी का संकेत हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
क्या होता है पीरियड्स में आने वाला ब्लड क्लॉट
पीरियड्स के दौरान आने वाला ब्लड क्लॉट किसी जेल की तरह होता है। ये क्लॉट एक तरह का टिशू होते हैं जो पीरियड्स के वक्त यूटरस से बाहर निकलते हैं। ये क्लॉट काफी नॉर्मल पार्ट होते हैं, जैसे कि शरीर पर लगने वाली चोट में खून का थक्का जमकर ज्यादा खून बहने से रोकता है। उसी तरह से यूटरस में बनने वाली ये क्लॉट ज्यादा ब्लड को बहने से रोकने में मदद करता है।
कैसे पहचाने ब्लड क्लॉट
पीरियड्स के दौरान आने वाले ब्लड क्लॉट जेल की तरह होता है और इसका आकार बहुत छोटा होता है। लगभग एक मूंगफली के दाने की तरह और इसका रंग गहरा और चमकीला होता है। बता दें असामान्य पीरियड्स क्लॉट काफई बड़े लगभग 1 चौथाई से भी बड़े होते हैं। इसमें ब्लीडिंग नॉर्मल से ज्यादा होती है तो इसे अनदेखा करने के बजाए एक्सपर्ट से चेक करवाएं।
इन बीमारियों का रहता है खतरा
एडिनोमायोसिस
ये महिलाओं में एक गंभीर समस्या है, जिससे यूटरस की मसल्स के भीतरी लाइनिंग यानी कि एंडोमीट्रियम के टिश्यूज में सूजन आ जाती है और इसका आकार बढ़ जाता है। यूटरस के इस हिस्से में सूजन या दबाव जैसी समस्या होने पर खून के थक्के पीरियड्स से निकलने लगते हैं।
कैंसर
यूटरस या सर्विक्स के मुंह पर कई बार कैंसर के सेल्स पनपने लगते हैं और इस वजह से ब्लड क्लॉट होने लगता है। ये क्लॉट पीरियड्स के दौरान बाहर निकलते हैं। ये गहरे मरून या काले रंग के खून के थक्के दिखने पर इसे नजरअंदाज ना करें और डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
मेनोपॉज
महिलाओं में पीरियड्स रुकने की स्थिति जैसे पेरिमेनोपॉज, मेनोपॉज के समय खून के थक्के ज्यादा निकलते हैं और साथ में ज्यादा मात्रा में ब्लीडिंग होती है।
हार्मोनल इंबैलेंस
यूटरस को सही से बढ़ने के लिए प्रोजेस्ट्रान और एस्ट्रोजन के हार्मोंस के सही बैलेंस में होने की जरूर पड़ती है। जब इन दोनों हार्मोंस में इंबैलेस होता है तो ब्लड क्लॉट और हैवी ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है।