आज है वो भयानक रात भूत चतुर्दशी: इन कामों से रहें दूर, वरना जीवन बन जाएगा नर्क!

punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 03:00 PM (IST)

नारी डेस्क : हिंदू पंचांग के अनुसार भूत चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन शुभ और अशुभ ऊर्जाओं का संगम माना गया है। इस वर्ष यह पर्व 19 अक्टूबर 2025 (रविवार) को मनाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में इसे ‘इंडियन हैलोवीन’ के रूप में भी जाना जाता है।

भूत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नरक का राजा नरकासुर अपने राक्षसों के साथ पृथ्वी पर आता है और उसकी उपस्थिति से स्वर्ग और नरक के द्वार खुल जाते हैं। इस दिन लोग अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक मानकर चौदह दीपक जलाते हैं और चौदह प्रकार की सब्ज़ियां बनाते हैं। यह परंपरा नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में सकारात्मक शक्ति लाने की मानी जाती है।

भूत चतुर्दशी की रात क्यों होती है भयावह?

भूत चतुर्दशी की रात को नकारात्मक ऊर्जाएं अधिक सक्रिय मानी जाती हैं। इसीलिए इसे भय की नहीं, बल्कि आस्था और सावधानी की रात कहा गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन गलत कार्य करता है या निषेध नियमों की अवहेलना करता है, उसके जीवन में दुख, विवाद और नकारात्मकता बढ़ सकती है। भूत चतुर्दशी पर भूलकर भी न करें ये काम।

शाम के बाद झाड़ू न लगाएं

शाम के बाद झाड़ू लगाने से मां लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं। इससे घर की समृद्धि और बरकत पर असर पड़ता है। दिन के समय घर की पूरी सफाई जरूर करें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा घर में न टिके।

अंधेरे को दूर रखें

भूत चतुर्दशी की रात घर में हर जगह रोशनी जलाकर रखें। जहां अंधेरा होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा जल्दी पनपती है। दीपक जलाने से वातावरण में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।

श्मशान या एकांत स्थानों पर न जाएं

इस दिन श्मशान या निर्जन जगहों पर नहीं जाना चाहिए। माना जाता है कि इस रात भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं, जो इंसान की मानसिक शांति और ऊर्जा को प्रभावित कर सकती हैं।

टूटे कांच या शीशे घर में न रखें

भूत चतुर्दशी के दिन घर से टूटे कांच, दरार वाले दर्पण या शीशे हटा दें। ऐसे सामान से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर के वातावरण पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

शाम के बाद दूध या उससे बनी चीज़ें न दें

भूत चतुर्दशी और काली पूजा की शाम के बाद किसी को दूध या दूध से बनी चीज़ें देने से बचें। माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है।

क्या करें इस दिन शुभता के लिए?

चौदह दीपक घर के हर कोने में जलाएं। खासकर मुख्य द्वार, रसोई और आंगन में।

चौदह प्रकार की सब्ज़ियों का सेवन करें, यह शुभ ऊर्जा को आकर्षित करता है।

भगवान यमराज, देवी काली और अपने पितरों का ध्यान करें।

ओम नमः शिवाय या महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें, इससे भय और नकारात्मकता दूर होती है।

भूत चतुर्दशी भय की नहीं, बल्कि आस्था, शुद्धता और प्रकाश की रात है। इस दिन अगर आप सावधानी बरतें और शुभ कार्य करें, तो आपके घर में शांति, सुख और सकारात्मकता बनी रहती है। याद रखें — अंधकार को मिटाकर ही प्रकाश का जन्म होता है।


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Content Editor

Monika

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