अगर आप भी Burger King के शौकीन हैं तो एक मिनट रुकिए पढ़ लें ये खबर ,वरना पछताएंगे
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 11:40 AM (IST)
नारी डेस्क: अगस्त माह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए गए इस्तेमाल किए गए तेल (Used Cooking Oil) के सैंपलों की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। विभाग के अनुसार, जांच के लिए भेजे गए अधिकांश सैंपल निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरे। यही नहीं, Burger King मुल्लापुर के किचन से लिया गया तेल का सैंपल भी जांच में फेल पाया गया। रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि कई बड़े और छोटे फूड आउटलेट्स पर बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल का खुलकर उपयोग किया जा रहा है, जो सीधे उपभोक्ताओं की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।
30 से ज्यादा सैंपल फेल बड़े ब्रैंड भी शामिल
जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सितंबर माह में लिए गए खाने-पीने की विभिन्न वस्तुओं के लगभग 30 सैंपल फेल पाए गए। इसमें कई प्रसिद्ध दुकानें और रेस्टोरेंट शामिल हैं।
Instagram पर @startupbydoc नाम के हैंडल ने पोस्ट किया कि FSSAI ने 5 बड़े ब्रांड्स — Haldiram, KFC, McDonald’s, Pizza Hut आदि पर छापा मारा।
— खुरपेंच Satire (@Khurpench_) October 22, 2025
दावा किया गया कि Haldiram में Substandard oil, KFC में Reused oil, McDonald’s में Synthetic colour, और Pizza Hut में Non-edible material… pic.twitter.com/tZy8g177N2
कैनेडियन पिज़्ज़ा जगराओं – इस्तेमाल किया गया तेल सब-स्टैंडर्ड
हीरा स्वीट्स, लकड़बाजार – तेल का सैंपल फेल
इस्लाम स्वीट्स, मडिया रोड खन्ना – तेल मानकों पर खरा नहीं उतरा
KT स्वीट्स, सराभा नगर – यूज्ड कुकिंग ऑयल फेल घोषित
विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल से खाना बनाना न केवल गुणवत्ता खराब करता है, बल्कि शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। ऐसा तेल आंतों की इनर लाइनिंग को नुकसान पहुंचाता है, जिससे अल्सर, बदहजमी, एसिडिटी, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।
दूध, आइसक्रीम, नमक और खोया—कई सैंपल भी सब-स्टैंडर्ड पाए गए
तेल ही नहीं, बल्कि कई अन्य फूड आइटम्स के सैंपल भी जांच में फेल पाए गए।
अहसान बेकरी, शिमलापुरी – नमक में आयोडीन नहीं पाया गया।
मिलरगंज से लिया गया दूध – सब-स्टैंडर्ड गुणवत्ता।
लसाडा स्वीट, मलोट – आइसक्रीम का सैंपल फेल।
महासिंह नगर नाका – दूसरे जिले से आती सप्लाई का पनीर सब-स्टैंडर्ड पाया गया।
बस स्टैंड से लिया गया खोया – गुणवत्ता परीक्षण में फेल।
स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी मामलों में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है और यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में खाने-पीने की वस्तुओं की सघन जांच जारी रहेगी।
As more and more young Indians eat out,
— Aditya Shah (@AdityaD_Shah) February 13, 2024
Burgers and Pizzas are gaining prominence
Quick Service Restaurants(QSR) are gaining momentum!
Burger King is one such business
A thread on the QSR space and the business for Burger King!
Lets go👇 pic.twitter.com/X5cZhtbgEi
सर्दियों में रेवड़ियों और गुड़ की बढ़ती मांग—लेकिन जांच अब तक शुरू नहीं
जैसे ही सर्दियां शुरू होती हैं, बाजार में गुड़, रेवड़ियों और गच्चक की भरपूर आवक होने लगती है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता की जांच अभी तक गंभीरता से शुरू नहीं की गई है।
लोगों का मानना है कि गुड़ का गलत रंग मिलावट का संकेत है किस गुणवत्ता के गन्ने से गुड़ बनाया जा रहा है रेवड़ियों में मिलाए जाने वाले तिल और चीनी की शुद्धता इन सभी बातों की जांच जरूरी है, क्योंकि ये सभी वस्तुएं सीधे आम जनता की सेहत से जुड़ी हैं।
खोया और पनीर की तरह अब करियाना सामान भी सस्ते दाम पर—खतरा बढ़ा
बाजार में दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर और खोया अक्सर निर्धारित कीमत से काफी कम दामों पर मिल जाते हैं, और अधिकतर सैंपल फेल भी होते हैं। इसी तरह अब करियाना व्यापारियों ने भी सोशल मीडिया पर पेज बनाकर घी,दालें, मसाले बहुत ही कम दाम पर बेचने की रणनीति अपनाई है।
यह स्थिति सामान्य नहीं है, क्योंकि ब्रांडेड कंपनियों के उत्पादों की फिक्स्ड कीमतें होती हैं। ऐसे में कम दाम पर मिलने वाला सामान या तो मिलावटी होता है या घटिया गुणवत्ता का। उपभोक्ताओं का मानना है कि इन उत्पादों की भी उसी तरह जांच होनी चाहिए जैसे खोये और पनीर की होती है।
आपकी सेहत से कोई समझौता नहीं
बार-बार इस्तेमाल किया गया तेल, सब-स्टैंडर्ड डेयरी उत्पाद, मिलावटी मसाले और बिना आयोडीन वाला नमक—ये सभी चीजें लंबी अवधि में शरीर को गंभीर बीमारियों की ओर ले जा सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही जांच स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन बाजार में मिलावट और घटिया क्वालिटी की चीजें जिस तेजी से बढ़ रही हैं, उसमें उपभोक्ताओं को भी जागरूक रहना बेहद जरूरी है।

