Bhaidooj Special: इन 5 तरीकों से पेरेंट्स बनाएं भाई-बहन का रिश्ता मजबूत
punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2023 - 02:58 PM (IST)
भाई बहन के बीच बेहतर रिश्तों की नींव बचपन से माता-पिता ही रखते हैं। लेकिन कई बार आपसी मतभेज और बात-बात पर तुलना किए जाने पर कई बार भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति नफरत और हिंसा का भाव पालने लगते हैं जिससे जीवन में जहर घुल जाता है। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि अगर बचपन में भाई-बहन के बीच रिश्ता अच्छा होता है तो वह जीवनभर के लिए एक-दूसरे के साथ रहते हैं लेकिन बचपन की खटपट पूरी जिंदगी के लिए उनके रिश्ते में दूरियां ला सकती हैं। आज भाई-बहन के रिश्ते का पवित्र त्योहार भाईदूज मनाया जा रहा है ऐसे में आज आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिनके जरिए आप भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।
जरुरत पड़ने पर दें सलाह
कई पेरेंट्स सोचते हैं कि बहन को ही अपने भाई का ध्यान रखना चाहिए लेकिन उन्हें बताएं कि एक-दूसरे की केयर करना भी उन्हीं की जिम्मेदारी होती है।दोनों के लिए जरुरी है कि बात-बात में एक-दूसरे को न टोकें इससे भी दोनों का रिश्ता कमजोर हो सकता है।
दोनों को बिताने दें साथ में समय
बहन भाई के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए उन्हें साथ में समय बिताने दें। बचपन में ही उन्हें साथ खिलाने, पढ़ाने या फिर किसी अन्य गतिविधि में आप शामिल करें। इससे दोनों का रिश्ता मजबूत बनेगा। उन्हें हर काम में बराबर से शामिल करें। भविष्य में आपको ऐसे कई मौके होंगे जब एक-दूसरे के साथ की जरुरत होगी। अगर ये शुरुआत बचपन में ही कर दी जाए तो आगे चलकर रिश्ते निभाना आसान हो जाता है।
एक-दूसरे की बताएं खूबियां
माता-पिता होने के नाते भाई बहन के बीच प्यार बढ़ाने के लिए आपको उन्हें एक-दूसरे की अच्छी आदतों के बारे में बताना होगा। उन्हें आप उदाहरण देकर बताएं कि कब भाई बहन ने एक-दूसरे के लिए कोई खास कदम उठाया। साथ ही दोनों की अच्छी आदतों के बारे में बताएं। इससे भाई-बहन का रिश्ता मजबूत बनेगा।
भाई को भी बनाएं जिम्मेदार
पेरेंट्स होने के नाते यह आपका फर्ज है कि भाई-बहन को भाई दूज का सही मायना सिखाएं। भाई को बताएं कि बहन के प्रति उसकी क्या जिम्मेदारी है। बड़ा भाई पिता का ही दूसरा रुप माना जाता है। समाज में बहन की शादी का दायित्व पिता के साथ-साथ भाई का भी होता है। भविष्य में माता-पिता के बाद भी भाई-बहन के बीच में प्यार बना ही रहता है। इसके लिए आपको विश्वास और अटूट रिश्ते का बीज बचपन में ही बोना होगा।
न बढ़ने दें लड़ाई
माता-पिता होने के नाते आपका फर्ज है कि आप दोनों की लड़ाई का हिस्सा न बनें। यदि आप उनकी लड़ाई में शामिल होंगे तो लड़ाई को बढ़ावा मिलेगा। कभी-कभी नोकझोंक को रिश्ते का हिस्सा मानकर नजरअंदाज करें। जब तक बात गंभीर न हो माता-पिता को भाई-बहन के बीच आने से बचना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ भाई-बहन के बीच लड़ाई के मुद्दे भी गंभीर हो जाते हैं इसलिए बेहतर है कि आप उनकी लड़ाई को बढ़ावा न ही दें।