अटारी-वाघा बॉर्डर पर फिर शुरू हो रही है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी, पर इस बार न मिलेंगे हाथ न खुलेंगे दरवाजे
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 09:40 AM (IST)

नारी डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर के बाद हवाई युद्ध बंद होने के 10 दिन बाद यानी कि आज अमृतसर के अटारी, फिरोजपुर के हुसैनीवाला और फाजिल्का के सादिकी सीमा चौकियों पर 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह फिर से शुरू होंगे। हालांकि इस दौरान गेट बंद रहेंगे और बीएसएफ के जवान पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों से हाथ नहीं मिलाएंगे।
अटारी सीमा पर 20 से 25 हजार लोग प्रतिदिन रिट्रीट सेरेमनी देखने पहुंचते हैं, जबकि सप्ताह अंत में यह आंकड़ा 30 से 35 हजार तक पहुंच जाता है। फाजिल्का में रिट्रीट सेरेमनी का समय शाम छह बजे निर्धारित किया गया है, हालांकि फिरोजपुर में रिट्रीट सेरेमनी कब से शुरू होगी, इसके बारे में भी अभी स्पष्ट नहीं किया गया।
गुजरात की एक पर्यटक कहा- "हम भाग्यशाली हैं कि बीएसएफ ने दैनिक परेड फिर से शुरू कर दी है और हम इसे देख पाएंगे और इसे अमृतसर की पूरी यात्रा कह पाएंगे।" स्थानीय टैक्सी और ऑटो चालक, जिनकी दैनिक कमाई अटारी में आने वाले लोगों पर निर्भर करती है, भी उतने ही खुश हैं। टैक्सी चालक कहा- "एक सप्ताह से अधिक समय तक मैंने मुश्किल से कुछ कमाया क्योंकि अटारी में कोई भी आगंतुक नहीं आया, लेकिन मेरा अब चीजें सामान्य हो रही हैं।"
भारतीय पक्ष ने फैसला किया है कि परेड के दौरान गेट बंद रहेंगे और BSF और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच पारंपरिक हस्तक्षेप नहीं होगा। यह निर्णय सुरक्षा को प्राथमिकता देने और तनावपूर्ण माहौल में सतर्कता बनाए रखने के लिए लिया गया। साल 1959 से रोजाना सूर्यादय के तुरंत बाद और सूर्यास्त से पहले बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। इस परेड के तरत दोनों देश सीमा पर अपने-अपने झंडे को सुबह की परेड में चढ़ाते हैं और रात के वक्त पूरे सम्मान के साथ उतार लेते हैं। समारोह में जवानों की हाई-किक्स, जोशीले सलामी, और दोनों पक्षों के सैनिकों द्वारा तालमेल भरी परेड शामिल होती है, पर इसमें अब कुछ बदलाव हो गए हैं।