कैंसर का डर!तमिलनाडु और पुडुचेरी के बाद हिमाचल प्रदेश में भी ‘कॉटन कैंडी'' पर लगा बैन

punjabkesari.in Saturday, Mar 16, 2024 - 06:34 PM (IST)

पुडुचेरी और तमिलनाडु के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी  ‘कॉटन कैंडी' पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।  हिमाचल प्रदेश में जनस्वास्थ्य के मद्देनजर ‘कॉटन कैंडी' के विनिर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर एक साल तक के लिए यानी 15 मार्च 2025 तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। आज इसे लेकर आदेश जारी किया गया है।

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‘कॉटन कैंडी' चीनी से बनी मिठाई होती है जिसमें थोड़ी मात्रा में स्वाद संबंधी अवयव या खाद्य रंग होते हैं। इसे कॉटन कैंडी कहा जाता है क्योंकि यह कपास जैसा दिखता है। आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) सह सचिव (स्वास्थ्य) ने अपने आदेश में कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएसए) अधिनियम, 2006 धारा 30 (2)(ए)के तहत राज्य में ‘कॉटन कैंडी' (किसी भी नाम से), चाहे वह पैकेज्ड हो या खुला, के भंडारण, वितरण या बिक्री को एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया जाता है। 

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आदेश में कहा गया है कि राज्य के विभिन्न जिलों से ‘कॉटन कैंडी' के नमूनों की जांच से पता चला कि इन उत्पादों में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के विपरीत गैर-मान्य और संभावित खतरनाक रंग मौजूद थे। दरसअल कॉटन कैंडी में पाया जाने वाला रोडामाइन बी एक सिंथेटिक ‘डाई’ (रंग) है जो इसे गुलाबी रंग देता है. यह रसायन कपड़ा, काग़ज और चमड़ा उद्योगों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।

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कुछ अध्ययनों का मानना है कि रोडामाइन बी कार्सिनोजेनिक और म्यूटाजेनिक (कैंसर कारक) है. इससे त्वचा के रोग, सांस में तकलीफ़ होना, लीवर और किडनी को नुकसान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लीवर के अलावा यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। कुछ दिन पहले ही तमिलनाडु सरकार ने कॉटन कैंडी पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। 


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vasudha

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