गंदे Cholesterol के लिए दवाइयों के भरोसे ना बैठें, ये खाएं और हफ्ते में Result पाएं

punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 06:32 PM (IST)

नारी डेस्कः गंदा कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ने पर यह धमनियों की दीवारों पर जमकर प्लाक बनाता है, जिससे नसें संकरी और सख्त हो जाती हैं। इससे दिल तक खून का बहाव कम होकर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यही प्लाक दिमाग की नसों को भी ब्लॉक कर सकता है और स्ट्रोक का कारण बनता है। LDL बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर, फैटी लिवर, डायबिटीज की जटिलताएं, पैरों में ब्लड फ्लो की कमी और पूरे शरीर में सूजन जैसी समस्याएं भी बढ़ती हैं।

1. दिल और धमनियों पर खतरा

खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) धमनियों की दीवारों में जमने लगता है। यह जमाव धीरे-धीरे प्लाक बनाता है। धमनियों के संकरे होने से खून का बहाव कम हो जाता है। इससे दिल तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता। दिल को कम खून मिलने से सीने में दर्द शुरू होता है। इस दर्द को एंजाइना कहा जाता है। अगर प्लाक टूट जाए तो खून तेजी से थक्का बना देता है। यह थक्का धमनियों को पूरी तरह बंद कर देता है। यह स्थिति सीधा हार्ट अटैक का कारण बनती है।

2. स्ट्रोक का गंभीर खतरा

खराब कोलेस्ट्रॉल सिर्फ दिल ही नहीं, दिमाग की नसों में भी जमता है। दिमाग की धमनियां जब संकरी होती हैं, तो खून की सप्लाई कम हो जाती है। दिमाग को कम खून मिलने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। अगर थक्का दिमाग की नस को बंद कर दे तो इस्केमिक स्ट्रोक होता है। यह स्ट्रोक शरीर के किसी हिस्से को पंगु कर सकता है। बोलने में दिक्कत हो सकती है। चलने-फिरने में असमर्थता आ सकती है। लंबे समय तक इलाज की जरूरत पड़ सकती है। कई बार स्ट्रोक स्थायी विकलांगता का कारण बन जाता है। समय पर इलाज न मिले तो जान का खतरा भी बढ़ जाता है।

3. हाई ब्लड प्रेशर का खतरा

खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों की लचीलापन कम कर देता है। सख्त धमनियों में खून को बहने में अधिक ताकत लगती है। यह ताकत ब्लड प्रेशर बढ़ा देती है। हाई ब्लड प्रेशर दिल पर दबाव बढ़ाता है। यह दिल को कमजोर करता है। लगातार हाई BP से हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। किडनी पर भी प्रेशर बढ़ता है। आंखों की नसें भी प्रभावित होती हैं। बढ़ा हुआ BP सीधा स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए हाई BP और LDL दोनों को कंट्रोल में रखना जरूरी है।

4. फैटी लिवर और लिवर डैमेज

शरीर में अतिरिक्त LDL लिवर में चर्बी की परत बनाता है। इसे फैटी लिवर कहा जाता है। फैटी लिवर लिवर की कोशिकाओं को कमजोर बनाता है। इससे लिवर अपना काम सही से नहीं कर पाता। पाचन कमजोर होने लगता है। शरीर में सूजन बढ़ सकती है। थकान लगातार महसूस होती है। ज्यादा बढ़ने पर फैटी लिवर सिरोसिस बन सकता है। सिरोसिस लिवर फेल होने का कारण बन सकता है। इसलिए LDL बढ़ना लिवर के लिए भी खतरनाक है।

5. डायबिटीज के मरीजों में और बड़ा खतरा

जिन लोगों को डायबिटीज है, उनमें LDL ज्यादा नुकसान करता है। शुगर हाई होने से धमनियों पर पहले ही तनाव होता है। यदि LDL भी बढ़ जाए तो धमनियां तेजी से ब्लॉक होती हैं। हार्ट अटैक का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। पैरों में खून का बहाव कम हो जाता है। इससे घाव जल्दी नहीं भरते। पैरों में सुन्नपन हो सकता है। डायबिटिक फुट का खतरा बढ़ सकता है। आंखों की नसों पर असर पड़ सकता है। डायबिटिक लोगों को LDL को और ज्यादा कंट्रोल में रखना चाहिए।

6. मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम

LDL बढ़ना आमतौर पर पेट की चर्बी से जुड़ा होता है। पेट की चर्बी से शरीर में सूजन बढ़ती है। यह सूजन इंसुलिन को कमजोर बनाती है। इससे शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसी स्थिति को मेटाबॉलिक सिंड्रोम कहते हैं। यह एक खतरनाक स्थिति है। इसमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में कमजोरी महसूस होती है। वजन तेजी से बढ़ता है और थकान रहती है।मेटाबॉलिक सिंड्रोम कई बीमारियों की जड़ है।

7.  शरीर में रक्तवाहिनियों का खराब होना

LDL रक्तवाहिकाओं की भीतरी परत को नुकसान पहुंचाता है। इससे नसों का लचीलापन खत्म होता जाता है। नसें कमजोर और सख्त हो जाती हैं। छोटी नसें बंद होने लगती हैं। हाथों-पैरों में झुनझुनी हो सकती है। पैरों में दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है। चलने में दिक्कत हो सकती है। यह परिधीय धमनी रोग (PAD) का कारण बनता है। PAD गंभीर स्थिति बन सकती है।
इलाज में लापरवाही से गैंग्रीन का खतरा बढ़ सकता है।

8. इम्युनिटी और सूजन पर असर

LDL बढ़ने से शरीर में क्रॉनिक सूजन बढ़ती है। यह सूजन पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। बार-बार संक्रमण हो सकते हैं। शरीर में दर्द बढ़ सकता है। जोड़ों में सूजन हो सकती है। त्वचा पर दाने हो सकते हैं। थकान लंबे समय तक रह सकती है। नींद खराब हो सकती है। मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।

9. प्रजनन और हार्मोन पर असर

LDL बढ़ने से हार्मोनल असंतुलन होता है। महिलाओं में पीरियड अनियमित हो सकते हैं। PCOS का खतरा बढ़ सकता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम हो सकता है। प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। थायरॉयड पर भी असर पड़ता है। शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है। मूड स्विंग्स बढ़ सकते हैं। हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। पूरे शरीर का मेटाबॉलिज्म बिगड़ सकता है।

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शरीर में गंदा कोलेस्ट्रॉल है उसे इस तरह कम करें

गंदा कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) बढ़ाने के लिए ये चीजें खाना बहुत ज़रूरी होती हैं।

1. फाइबर से भरपूर चीजें (Soluble Fiber)
ये आंतों में कोलेस्ट्रॉल को बांधकर बाहर निकाल देती हैं। ओट्स (दलिया), जई का आटा, सेब, नाशपाती, चिया सीड्स, अलसी के बीज (Flaxseeds), मसूर और चने खाएं।

2. गुड फैट्स  (Healthy Fats)
ये शरीर से खराब (LDL) कोलेस्ट्रॉल हटाने में मदद करती हैं। इसके लिए एवोकाडो बादाम, अखरोट, मूंगफली, अलसी का तेल, जैतून का तेल

3. ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ
ये ट्राइग्लिसराइड कम करते हैं और हार्ट की सुरक्षा करते हैं। सैल्मन, टूना जैसी मछली, चिया सीड्स, अलसी के बीज, अखरोट खाएं।
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4. लहसुन (Garlic)
लहसुन LDL कम करने और ब्लड की सफाई में बेहद असरदार है। सुबह खाली पेट 1–2 कली चबाना फायदेमंद।

5. ग्रीन टी
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट “कैटेचिन” कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करता है।

6. साबुत अनाज (Whole Grains)
ये खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में बहुत असरदार होते हैं। इसके लिए ब्राउन राइस, क्विनोआ, जौ, रागी, साबुत गेहूं खाएं। 

7. विटामिन C वाले खाद्य पदार्थ
कोलेस्ट्रॉल जमने से रोकते हैं। इसके लिए संतरा, आंवला, नींबू औऱ अमरूद का सेवन करें। 

8. टमाटर और टमाटर का रस
इसमें लाइकोपीन होता है जो LDL कम करता है। आप सेलेड के तौर पर या टमाटर का जूस भी पी सकते हैं। 

कोलेस्ट्राल है तो इन चीजों से बचें

तला हुआ खाना,  पैकेज्ड स्नैक्स, फास्ट फूड, रेड मीट, ज्यादा चीनी और  बेकरी आइटम (कुकीज़, केक आदि)।


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Content Writer

Vandana

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