फीड लेते वक्त हांफने लगता है बेबी ? गंभीर बीमारी का हो सकता है संकेत

punjabkesari.in Tuesday, Apr 01, 2025 - 01:15 PM (IST)

नारी डेस्क: छोटे बच्चों की परवरिश में खास ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि वे अपने बारे में बात करने में सक्षम नहीं होते। इसलिए उनकी गतिविधियों और व्यवहार से ही यह जाना जा सकता है कि वे स्वस्थ हैं या नहीं। फीडिंग का समय वह महत्वपूर्ण पल होता है जब मां आसानी से अपने बच्चे के लक्षणों को देख सकती है और उनकी सेहत का परीक्षण कर सकती है। अगर फीडिंग यानी दूध पीते वक्त आपके बच्चे की सांस फूलने लगती है तो ये चिंता की बात है। दूध पीते वक्त ध्यान दें, अगर बच्चे की सांसे तेज होने लगे है तो ये बात गंभीर बीमारी का सकेंत हो सकती है।

फीडिंग के दौरान सांस फूलना क्यों हो सकता है?

दिल की बीमारी

अगर बच्चे को दूध पीते समय सांस फूल रही है, ज्यादा पसीना आ रहा है, बार-बार निमोनिया हो रहा है, छाती में संक्रमण हो रहा है, कमजोरी महसूस हो रही है या शरीर का रंग नीला पड़ रहा है, तो यह दिल की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल की बीमारी के 95-97 प्रतिशत लक्षण जन्म से ही दिखाई देने लगते हैं। हालांकि कुछ लक्षण उम्र के साथ भी सामने आ सकते हैं।

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सांस लेने में समस्या (Laryngomalacia)

लेरिन्जोमालेसिया (Laryngomalacia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे के स्वरयंत्र के आसपास के ऊतक नरम होते हैं। इससे सांस लेने में कठिनाई होती है और बच्चा दूध पीते समय हांफने लगता है। दूध पीते समय हांफना, आराम के समय भी सांस की तकलीफ महसूस होना ये सब लेरिन्जोमालेसिया के भी लक्षण है।

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अन्य बीमारियां

कुछ अन्य बीमारियां भी फीडिंग के दौरान सांस फूलने का कारण बन सकती हैं, जैसे: ब्रोंकोसपस्म (Bronchospasm): यह तब होता है जब बच्चे के श्वासनली (ब्रोंक्स) में सूजन या संकुचन हो जाता है।
अस्थमा (Asthma): बच्चों में अस्थमा होने पर सांस की तकलीफ, खांसी और सीटी जैसी आवाजें सुनाई देती हैं।

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क्या करें अगर बच्चा फीडिंग के दौरान हांफे?

तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: अगर बच्चा सांस लेने में कठिनाई महसूस कर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपातकालीन स्थिति में अस्पताल जाएं।

बच्चे को आराम दें: बच्चे को शांत और आरामदायक स्थिति में रखें। बच्चे के सिर को थोड़ा ऊपर उठाएं ताकि सांस लेने में आसानी हो। बच्चे को अधिक उत्तेजित न करें, उसे शांत रखने की कोशिश करें।

डॉक्टर की सलाह का पालन करें: डॉक्टर द्वारा सुझाए गए इलाज का पालन करें। यदि डॉक्टर ने कोई दवा दी है, तो उसे सही तरीके से दें। डॉक्टर की जांच के बाद ही किसी घरेलू उपाय को अपनाएं।

जब फीडिंग के दौरान बच्चा हांफे तो क्या न करें?

खुद से कोई दवा न दें। बच्चे को जबरदस्ती दूध पिलाने की कोशिश न करें। लक्षणों को नजरअंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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महत्वपूर्ण बातें

1. बच्चे के स्वास्थ्य में किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें।
2. सांस फूलना, हांफना या नीला पड़ता हुआ रंग जैसे लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
3. शीघ्र जांच और उपचार से बच्चे की सेहत में सुधार हो सकता है।

नोट: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें।


 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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