आर्यन खान को आज भी जमानत मिलना मुश्किल, NCB ने लगाया सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोपी

punjabkesari.in Tuesday, Oct 26, 2021 - 05:10 PM (IST)

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने क्रूज ड्रग्स मामले में गिरफ्तार आर्यन खान की जमानत याचिका का बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष  एक बार फिर विरोध करते हुए कहा कि गिरफ्तार आरोपी बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान का पुत्र होने के कारण प्रभावशाली है और जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकता है। एनसीबी ने न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू सांब्रे के समक्ष दायर हलफनामे में दावा किया कि आर्यन और शाहरुख खान की प्रबंधक पूजा ददलानी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे।


आर्यन पर लगाए कई आरोप 

 एनसीबी के हलफनामे में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि ददलानी ने अब तक चल रही जांच में ‘पंच-गवाह' को प्रभावित किया है। ‘पंच-गवाह' प्रभाकर सैल के हलफनामे का उल्लेख करते हुए एनसीबी ने इसे ‘जांच के बीच सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने का स्पष्ट उदाहरण' करार दिया और कहा कि आर्यन की जमानत याचिका को अकेले इस आधार पर और साथ ही अन्य कारणों से खारिज कर दिया जाना चाहिए। केंद्रीय एजेंसी ने अपने जवाब-सह-हलफनामे में यह भी दावा किया कि जांच में आर्यन के अंतरराष्ट्रीय संबंधों का पता चला है 
 

एनसीबी के पास  व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट्स 

बताया जा रहा है कि एनसीबी के पास आर्यन खान और अनन्या पांडे के बीच व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट्स हैं, जिसमें यह दोनों ड्रग्स खरीदने पर चर्चा कर रहे हैं। एक  चैट में आर्यन मजाक में अपने दोस्तों को धमकी दी कि वे एनसीबी से उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे। इसके अलावा आर्यन खान अचित कुमार नामक एक व्यक्ति से थोक में ड्रग्स खरीदने की बात कर रहा है। एनसीबी अब इन चैट्स को कोर्ट में पेश कर सकती है। 

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नवाब मलिक ने वानखेड़े पर लगाए कई आराेप 

वहीं दूसरी तरफ एनसीबी ने आर्यन खान को छोड़ने के मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े और कुछ अधिकारियों द्वारा 25 करोड़ रुपये मांगने संबंधी एक गवाह के दावे पर जांच के आदेश दे दिए हैं। इस सब के बीच महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया कि समीर वानखेड़े  ने अपने जन्म प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया है। मलिक ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- समीर दाऊद वानखेड़े का यहां से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा । उन्होंने कहा  कि मैंने जो भी सर्टिफिकेट शेयर किए हैं, सभी सही हैं। अगर समीर वानखेड़े या उनके पिता को लगता है कि ये फर्जी है तो वो असली सर्टिफिकेट दिखाएं। 

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 मलिक ने शेयर किया लेटर 

इसके साथ ही नवाब मलिक ने ट्वीट कर एक लेटर शेयर किया है और दावा किया है कि एनसीबी के एक अधिकारी ने उन्हें यह चिट्ठी भेजी है। मलिक का कहना है कि   वानखेड़े जन्म से एक मुसलमान है। पिछले 15 दिनों में जब भी मैं मालदीव यात्रा (वानखेड़े की) जैसे विभिन्न विषयों पर बोलता था तो मुझ कोई जवाब नहीं मिलता था और इन्हें राजनीतिक आरोप बताया गया। लेकिन अब सच सामने आ गया है। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि अपना धर्म ‘‘छुपाकर’’ वानखेड़े ने फर्जी दस्तावेज हासिल किए और इससे एक पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार का अधिकार छीन लिया।


वानखेड़े ने सभी आरोपों से किया इंकार

 वहीं, भारतीय राजस्व सेवा के 2008 बैच के अधिकारी वानखेड़े ने मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह कदम अपमानजनक और उनके परिवार की निजता पर हमला है। उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा बिना कोई स्पष्टीकरण दिए इस तरह के निजी अपमानजनक और निंदात्मक हमलों से वह दुखी हैं। वानखेड़े ने अदालत में दाखिल हलफनामे में उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों से इंकार किया है और दावा किया कि  उन पर लगातार गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है क्योंकि ईमानदार एवं निष्पक्ष जांच कुछ निर्हित स्वार्थों के अनुकूल नहीं है। 

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प्रभाकर सैल ने किया था खुलासा 

वानखेड़े ने यह भी दावा किया कि उन्हें कुछ जाने-माने राजनीतिक हस्तियों ने भी निशाना बनाया है और इसके पीछे उनका केवल एक ही कारण समझ आता है क्योंकि एनसीबी ने ‘‘ इस शख्स के दामाद समीर खान’’ को गिरफ्तार किया था।समीर खान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद हैं। मामले में 'स्वतंत्र गवाह' प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो  के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है।

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 18 करोड़ रुपये में डील करने का आरोप 

सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें ‘‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे। इसी बीच एनसीबी ने भी बयान जारी कर कहा था कि- वानखेड़े तथा उसके अन्य अधिकारियों का रिकॉर्ड एकदम साफ है और वे शहर को मादक पदार्थों से मुक्त करने के लिए ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा से काम कर रहे हैं।


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Content Writer

vasudha

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