युवाओं के लिए आफत है यह बीमारी, गर्दन, कंधें और कमर में तेज दर्द सबसे बड़ी परेशानी

punjabkesari.in Sunday, Jan 17, 2021 - 10:06 AM (IST)

गर्दन, कंधों, कमर और कूल्हे में अक्सर दर्द रहता है तो यह एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस रोग हो सकता है। यह हड्डियों से संबंधित ऐसी बीमारी है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी से लेकर गर्दन में असहनीय तेज दर्द व चुभन महसूस होती है। ज्यादातर यह समस्या टीनएज में शुरू होती है, जिसके कारण उठना-बैठना तो दूर कोई काम कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। वैसे तो यह समस्या किसी को भी हो सकती है लेकिन खराब लाइफस्टाइल के कारण युवाओं में यह समस्या काफी देखने को मिल रही है। आज हर 100 में से एक वयस्क इस बीमारी से ग्रस्त है।

क्या है एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस?

यह आर्थराइटिस का एक प्रकार है, जिसके कारण हड्डियों में असामान्य फ्यूजन होने लगता है। इससे रीढ़ से लेकर गर्दन, पीठ के निचले हिस्से में जकड़न आ जाती है और अगर ध्यान ना दिया जाए तो दर्द तेजी से बढ़ने लगता है।

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डिप्रेशन का बन सकता है कारण

लंबे समय से इस बीमारी से जूझ रहे लोग डिप्रेशन, माइग्रेन का शिकार भी हो सकते हैं। यही नहीं इसके कारण शरीर की फ्लेसिबिलिटी खत्म हो जाती है और यह पसलियों पर भी असर डालती है। उठते-बैठते समय मरीज को सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है।

बीमारी के लक्षण

आमतौर पर इसका पता तभी चलता है जब व्यक्ति को गर्दन के निचले हिस्से, पीठ में तेज दर्द होता है। इसके अलावा...

. शरीर के कुछ अंगों का मूवमेंट ना करना पाना
. रीढ़ की हड्डी में लगातार दर्द
. कमर, गर्दन और कूल्हों में दर्द व अकड़न
. खड़े होने में परेशानी
. फिजिकल वर्क करने में दिक्कत

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किन कारणों से होती है ये बीमारी

एचएलए-बी27 नामक जीन के अलावा गलत लाइफस्टाइल इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। गलत पॉश्चर में बैठना, कई घंटों तक एक ही पोजीशन में बैठे रहना, फिजीकली एक्टिविटी ना करना, गलत डाइट, स्ट्रेस इंजरी, जोड़ों व टिशूज की सूजन, अधूरी नींद और मोटापे के कारण भी यह समस्या हो सकती है।

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एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से बचाव के टिप्स

. सोते, उठते-बैठते समय अपनी पोजीशन का ध्यान रखें और लंबे समय तक एक ही पॉश्चर में ना बैठे रहें।
. चूंकि इस बीमारी के कारण रात में अधिक दर्द होता है इसलिए सोने के लिए अच्छे गद्दे का यूज करें।
. इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को गुनगुने पानी से नहाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा प्रभावित हिस्सों में गर्म और ठंडा पानी से सेंक करें।
. नहाने के बाद स्ट्रेचिंग व्यायाम करना ना भूलें, ताकि मांसपेशियों की अकड़न कम हो।
. रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीएं।
. लहसुन का पेस्ट बनाकर कमर पर लगाएं, फिर एक तौलिए को गर्म पानी में डुबोकर कमर पर रखें। इससे भी राहत मिलेगी।
. 1 कप गर्म पानी में अदकर और शहद मिलाकर पीने से भी सूजन और दर्द कम हो जाता है।
. स्मोकिंग ना करें, इससे ना सिर्फ एंकायलुजिंग स्पॉन्डिलाटिस से छुटकारा मिलेगा बल्कि आप कई बीमारियों से भी बचे रहेंगे।

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गंभीर मामलों में हिप रिप्लेसमेंट

याद रखें कि अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो मामला इतना गंभीर हो जाएगा कि आपको हिप रिप्लेसमेंट (टीएचआर) थेरेपी भी करवानी पड़ सकती है। हालांकि इसका कोई नुकसान नहीं है लेकिन बेहतर होगा कि आप पहले ही इसका समाधान कर लें।


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Content Writer

Anjali Rajput

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