तालाब की खुदाई में मिला 300 साल पुराना पंचमुखी शिवलिंग, दर्शन के लिए उमड़े लोग
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 12:07 PM (IST)

नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंगलवार को एक खास पुरातात्विक खोज हुई है। दातागंज तहसील के सराय पिपरिया गांव में एक तालाब की खुदाई के दौरान लगभग छह फीट नीचे एक पंचमुखी शिवलिंग मिला। यह शिवलिंग संगमरमर का बना हुआ है और खुदाई के वक्त बुलडोजर की मदद से यह ज़मीन से निकला।
खुदाई के दौरान हुई अद्भुत खोज
सराय पिपरिया गांव में तालाब की खुदाई की जा रही थी, जहां 13 एकड़ जमीन पर एक कमल तालाब बनाने का कार्य चल रहा था। इस काम के साथ ही वहां एक प्लांट नर्सरी भी विकसित की जा रही है, जिसे पंच तत्व पौधशाला कहा जाता है। खुदाई के दौरान अचानक इस शिवलिंग का निकलना एक दैवीय संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
सावन के महीने में तालाब की खुदाई के दौरान एक अदभुत और प्राचीन चार मुख वाला शिवलिंग मिला। घटना बदायूं के दातागंज की बताई जा रही है। स्थानीय लोग इसे भगवान का चमत्कार बता रहे हैं। कई लोग उसे देखने के लिए पहुंचे। ग्रामीणों ने शिवलिंग की पूजा शुरू कर दी है।#Badaun #Shivling… pic.twitter.com/pUgroClnjh
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) July 23, 2025
पर्यावरणविद् और नर्मदा बचाओ अभियान से जुड़ी शिप्रा पाठक खुदाई के समय मौके पर मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि यह शिवलिंग मिलने की घटना को वे बहुत श्रद्धा और सम्मान के साथ देखती हैं। शिप्रा पाठक एक फाउंडेशन चलाती हैं, जो हर साल करीब पांच लाख पौधे वितरित करती है।
शिवलिंग के मिलने से गांव में बढ़ी श्रद्धा
पंचमुखी शिवलिंग मिलने की खबर जैसे ही आसपास के गांवों में फैली, लोग दर्शन के लिए वहां पहुंचने लगे। इस कारण क्षेत्र में भारी भीड़ जुट गई। श्रद्धालुओं और गांव वालों के साथ ही बाहर से भी कई लोग शिवलिंग को देखने आने लगे। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को पुलिस और राजस्व कर्मियों को तैनात करना पड़ा। उन्होंने सुरक्षा के साथ-साथ भीड़ प्रबंधन का काम किया ताकि स्थिति काबू में रहे।
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महंत परमात्मा दास महाराज का दावा
पापड़ ब्रह्मदेव मंदिर के महंत परमात्मा दास महाराज ने इस शिवलिंग की उम्र लगभग 300 साल बताई है। उन्होंने कहा कि यह शिवलिंग धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और इसके मिलने से क्षेत्र में एक नया धार्मिक जोश पैदा हो गया है। दातागंज के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शिवलिंग की ऐतिहासिकता और उसकी उम्र का सही आकलन करने के लिए पुरातत्व विभाग की टीम जल्द ही मौके पर आएगी। वे इस अवशेष की पूरी जांच और अध्ययन करेंगे ताकि इस खोज का वैज्ञानिक और पुरातात्विक महत्व सामने आ सके।
पंचमुखी शिवलिंग का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक होता है। पंचमुखी शिवलिंग विशेष रूप से भगवान शिव के पांच मुखों या पांच रूपों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। ऐसे शिवलिंग मिलने पर वहां एक खास प्रकार की श्रद्धा और आस्था का माहौल बन जाता है। यह धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होता है और क्षेत्र के लोगों के लिए गर्व की बात होती है।
बदायूं के दातागंज तहसील के सराय पिपरिया गांव में मिलने वाला यह पंचमुखी शिवलिंग न केवल एक पुरातात्विक खोज है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है। खुदाई के दौरान इस शिवलिंग का निकलना स्थानीय लोगों के लिए एक आशीर्वाद जैसा माना जा रहा है।