अनंत चतुर्दशी 2025: पर ये सफेद चीज भूल से भी न खाएं, वरना 14 साल तक भुगतने पड़ते हैं परिणाम!

punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 06:48 PM (IST)

नारी डेस्क : अनंत चतुर्दशी का पर्व हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। साल 2025 में यह तिथि 6 सितंबर (शनिवार) को पड़ रही है। इस दिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। वहीं पुरुष भी इस व्रत को करके भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

अनंत चतुर्दशी व्रत का महत्व

अनंत चतुर्दशी व्रत का महत्व अत्यंत पवित्र और गहन माना गया है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और उसे सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत एक बार नहीं बल्कि लगातार 14 वर्षों तक करना चाहिए। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-शांति, ऐश्वर्य, संतान-सौभाग्य और सफलता की निरंतर प्राप्ति होती है। इस व्रत का पालन करने वालों के जीवन में भगवान विष्णु की अनंत कृपा बनी रहती है और परिवार समृद्धि व उन्नति की राह पर अग्रसर होता है।

PunjabKesari

इस दिन भूलकर भी न खाएं ये चीज

अनंत चतुर्दशी के दिन भोजन को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि इस दिन नमक का सेवन पूर्णत: वर्जित है। मान्यता है कि यदि व्रती या घर का कोई भी सदस्य गलती से भी नमक खा लेता है तो उसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। इससे घर की सुख-शांति भंग हो सकती है और परिवार को लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसके दुष्परिणाम व्यक्ति को पूरे 14 वर्षों तक झेलने पड़ते हैं। कहा जाता है कि ऐसे दोष के कारण घर की बरकत धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है और परिवार में कलह-क्लेश तथा आर्थिक तंगी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए इस दिन नमक का त्याग करना बेहद आवश्यक माना गया है।

व्रत में क्या खा सकते हैं?

अनंत चतुर्दशी के व्रत में सात्विक और नमक रहित आहार का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रती को हल्का और पवित्र भोजन करना चाहिए। व्रत में आलू और शकरकंद से बने व्यंजन खाए जा सकते हैं, साथ ही साबूदाना से बनी खिचड़ी, वड़ा या खीर का सेवन किया जा सकता है। मखाने की खीर भी इस अवसर पर बहुत शुभ मानी जाती है। इसके अलावा ताजे फल और सूखे मेवे व्रत को ऊर्जावान और पौष्टिक बनाए रखते हैं। कुट्टू के आटे से बने पकवान भी इस दिन खाए जाते हैं, जो व्रत के अनुकूल होते हैं। मिठाई की इच्छा होने पर घर में बनी सात्विक मिठाई खा सकते हैं। इन सब आहारों के सेवन से व्रत पूरे श्रद्धाभाव के साथ सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है।

अनंत सूत्र का महत्व

PunjabKesari

अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र बांधने की परंपरा बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण मानी जाती है। पूजा संपन्न होने के बाद 14 गांठों वाला अनंत सूत्र (धागा) कलाई में बांधा जाता है। शास्त्रों के अनुसार पुरुष इसे दाहिने हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में धारण करती हैं। यह सूत्र भगवान विष्णु की अनंत शक्ति और कृपा का प्रतीक है। माना जाता है कि अनंत सूत्र धारण करने से जीवन में आशीर्वाद, सौभाग्य, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है। साथ ही यह बंधन व्रती को हर प्रकार के संकट से बचाता है और उसे आध्यात्मिक उन्नति की राह पर अग्रसर करता है।

घर की नकारात्मकता दूर करने का उपाय

अगर घर में लगातार क्लेश, आर्थिक संकट या अन्य तरह की परेशानियां बनी रहती हैं, तो अनंत चतुर्दशी पर एक विशेष उपाय किया जा सकता है। मान्यता है कि यह उपाय घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता का संचार करता है। इसके लिए पूजा संपन्न होने के बाद एक कलश में स्वच्छ जल भरें और उसमें 14 लौंग तथा एक कपूर डालें। इसके बाद उस कलश को पूरे घर में घुमाकर घर के हर हिस्से में उसकी ऊर्जा फैलाएं। अंत में उस कलश को किसी चौराहे पर जाकर रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और परिवार में शांति, समृद्धि और खुशहाली का वास होता है।

अनंत चतुर्दशी पर कौन से मंत्र का करें जाप?

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना में मंत्रजाप का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन श्रद्धाभाव से मंत्रों का उच्चारण करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और साधक को अनंत आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस अवसर पर सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है “ॐ अनन्ताय नमः”। इस मंत्र का जाप करने से अनंत शक्ति, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही एक विशेष मंत्र का भी पाठ करने का विधान है।

PunjabKesari

“अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।“

इस मंत्र का जाप करने से घर-परिवार पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस प्रकार अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से न केवल सांसारिक लाभ मिलता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। बस ध्यान रखें कि इस दिन नमक का सेवन न करें और पूजा-विधि पूरे श्रद्धा भाव से करें।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Monika

Related News

static