बढ़ता Air Pollution डाल सकता है दिमाग पर असर, इन तरीकों से करें Self Care
punjabkesari.in Tuesday, Nov 29, 2022 - 01:57 PM (IST)
दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती मात्रा कई बीमारियों को जन्म दे रही है। खासकर वायु प्रदूषण के कारण रेसपिरेटरी, कार्डियक इंफेक्शन्स, फेफड़ों का कैंसर, अस्थमा और कई तरह की बीमारियों का खतरा बड़ रहा है। इसके अलावा बहुत से लोगों को सिरदर्द, खांसी जैसी समस्याएं भी हो रही हैं। जिसके चलते ऑफिस के कर्मचारियों को प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए वर्क फ्रॉम हॉम की सलाह भी दी जा रही है। इन सब स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा बढ़ता वायु प्रदूषण मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल रहा है। इसके कारण लोगों के लाइफस्टाइल पर भी असर पड़ रहा है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण मेंटल डिसऑर्डर जैसे एंग्जाइटी, डिप्रेशन, खुद को हानी पहुंचाना, सुसाइड अटेंप्ट करना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। मिट(MIT) के प्रोफेसर जैकसन जी लू(Jackson G Lu) की स्टडी के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण लोगों में अस्पतालों में भी मानसिक स्वास्थ्य, डिप्रेशन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा लोगों में प्रदूषण के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल रही हैं।
एक्सपर्ट्स ने किया सतर्क
दिल्ली की फ्लेम यूनिवर्सिटी साइकोलेजी की एसीसटेंट प्रोफेसर गरिमा राजन ने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं जो लोगों के लाइफस्टाइल को भी प्रभावित कर रही हैं। वायु प्रदूषण के बच्चों और बड़ों दोनों की सामाजिक और डेली लाइफ प्रभावित हो रही है। जिसके कारण फिजिकल, इमोशनल और सोशल जिंदगी में लोगों को बुरे प्रभावों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कपिल गुप्ता जो कि मेंटल हेल्थ मार्केटप्लेस दिल्ली के फाउंडर हैं उन्होंने भी इस विषय में चिंता जताई है। कपिल ने बताया कि कई सारे ऐसे लोग देखे हैं जिनका बढ़ते प्रदूषण के कारण सोचने की क्षमता, ध्यान लगना, बुद्धिमता और लगभग सारी परफॉर्मेंस प्रभावित हुई है। जिसके कारण लोगों की रुटीन की गतिविधिया भी प्रभावित हुई हैं। बहुत सी चीजों में दिलचस्पी खोना, हर समय चिड़चिड़े रहना, कमजोरी इत्यादि जैसी समस्याएं बढ़ते प्रदूषण के कारण देखने को मिल रही हैं। डॉ केरसी चावड़ा जो कि मुंबई के पीडी हिंदूजा हॉस्पीटर और एमआरसी में साइकेट्रिस्ट हैं उन्होंने बताया कि जो लोग ज्यादा पॉलयूटेड शहरों में रहते हैं उन लोगों की जिंदगी को इन 10 सालों में डिप्रेशन, बॉयपॉलर पर्सनेलिटी जैसे लक्षण भी देखने को मिले हैं। इसके अलावा कुछ स्टडीज यह भी दावा करती हैं कि पीएम 2.5 के कारण बच्चों के साइक्रेटिक कंडीशन पर भी असर पड़ सकता है। खासकर जो बच्चे ऐसे एरिया में रहते हैं उनके जीवन पर बढ़ते प्रदूषण का ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है। आप कुछ तरीके अपनाकर इस बढ़ते प्रदूषण से बच सकते हैं तो चलिए जानते हैं इसके बारे में...
ज्यादा खबरों पर ध्यान न दें
आप जो भी खबरें सून रहे हैं उस पर ज्यादा ध्यान न दें। समस्या ज्यादा है लेकिन अपने आप को पॉजिटिव रखने का प्रयास करें। ज्यादा टेंशन लेने से या सोचने से आप भी डिप्रेशन का शिकार हो सकतेहैं।
मास्क पहनें
जब भी बाहर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं। समस्या को कंट्रोल में करने के लिए और खुद को बचाने के लिए मास्क जरुर पहनें। जितना आप सेफ्टी रुल्स को फॉलो करेंगे उतना ही आप प्रदूषण से बच पाएंगे।
अपना ध्यान रखें
जब भी आपको तनाव महसूस होता है तो अपना ध्यान रखें। अगर आप बाहर जाकर एक्सरसाइज और सैर नहीं कर सकते तो घर के अंदर बैठकर ही आराम करें। रिलैक्स रहें और घर के अंदर ही खुद को आरामदायक रखें।
प्रदूषण से बचें
वायु प्रदूषण वातावरण पर भी प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में आप अपने आप का ख्याल रखें। अपने शरीर को बाहरी हवा से भी बचाकर रखें।
रोजाना करें व्यायाम
एरोबिक्स, योगा, व्यायाम और मेडिटेशन करें। इससे आपका दिमाग शांत रहेगा और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी।
शांत रखें दिमाग
दिमाग पर ज्यादा प्रेशर न डालें। इसके अलावा अपने मनपंसदीदा होबीज के जरिए अपने माइंड को रिलैक्स करें।
आराम करें
जितना हो सके आराम करें इससे आपके शरीर को जल्दी रिक्वर होने में सहायता मिलेगी। साथ ही अच्छी नींद लेने से आप अगले दिन और भी एनर्जेटिक महसूस करेंगे।
दोस्तों और परिवारों वालों के साथ करें समय व्यतीत
अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें। इसके अलावा यदि आपको किसी भी तरह का तनाव महसूस हो रहा है तो आप विशेषज्ञ की सहायता भी ले सकते हैं।