350 साल बाद भारत वापिस आएगा शिवाजी महाराज का वाघनख, जानिए इस औजार की खासियत
punjabkesari.in Sunday, Oct 01, 2023 - 03:59 PM (IST)

इस साल छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्यभिषेक को 350 साल हो जाएंगे। ऐसे में उनका वाघनख जो कि पंजे जैसा लोहे का हथियार वह भारत लाया जाएगा। इस वाघनख के साथ शिवाजी महाराज ने 1659 में अफजल खान का वध किया था। पिछले कई सालों से यह लंदन के विक्टोरिया म्यूजियम में मौजूद था। तीन सालों के लिए अब इसे महाराष्ट्र में लाया जाएगा। महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनघंटीवार तीन अक्टूबर को खुद लंदन जाकर इस संबंध में बात करेंगे।
महाराष्ट्र के लोगों के लिए बहुत खास है ये शस्त्र
कुछ समय पहले ही संस्कृति मंत्री सुधीर ने कहा था कि सन् 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान का वधन करने के लिए छत्रपति शिवजी महाराज ने जो वाघनख इस्तेमाल किया था उसे नवंबर में भारत से लंदन लाए जाने की संभावना है। मुनगंटीवार ने कहा था कि पहले चरण में हम यह वाघनख लेकर आ रहे हैं। यह यहां नवंबर तक आ जाएगा और इसके लिए हम सहमति पर भी हस्ताक्षर करने वाले हैं। हमारी कोशिश होगी कि हम इस वाघनख को उस दिन लेकर आएं जिस दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान का वध किया था। हमारे लिए यह प्रेरणा और वाघनख हमारे लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्त्रोत है। इस वाघनख को दक्षिण मुंबई के छत्रपति शिवजी संग्रहालय में रख जा सकता है।
लंदन के अल्बर्ट म्यूजियम में है वाघनख
अभी यह वाघनख लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में मौजूद है। इस संग्रहालय के अनुसार, यह हथियार ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डफ (1789-1858) को दिया था। मराठा सामग्राज्य के पुराने पेशावर ने खुद डफ को यह वाघनख दिया था।
बहुत अलग तरह से की गई है इसकी बनावट
छत्रपति शिवाजी महाराज का यह वाघनख बहुत ही खास है। इससे महाराष्ट्र के लोगों की कई सारी भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं। इसकी खास बात यह है कि यह आगे से नुकीला है। देखने में यह वाघ के नाखूनों की तरह प्रतीत होता है इसमें दो रिंग शामिल है जिसका इस्तेमाल करके शिवाजी ने इसे पहनकर अफजल खान को मौत के घाट सुला दिया था।