Famous Actor 8 साल पुराने गैंगरेप और अपहरण केस में हुए बरी, जानिए पूरा मामला
punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 03:40 PM (IST)
नारी डेस्क : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े एक बहुचर्चित और संवेदनशील मामले में आखिरकार 8 साल बाद बड़ा फैसला सामने आ गया है। 2017 के किडनैपिंग और गैंगरेप केस में मलयालम फिल्मों के मशहूर अभिनेता दिलीप को कोर्ट ने बरी कर दिया है, जबकि इस मामले में शामिल 6 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। यह फैसला एर्नाकुलम की प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने सुनाया, जिससे यह लंबा चला हाई-प्रोफाइल केस अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचा।
2017 के केस में क्या हुआ फैसला?
जिला एवं सत्र न्यायाधीश हनी एम वर्गीस ने सोमवार, 7 दिसंबर को इस केस का फैसला सुनाया। zकोर्ट ने अभिनेता गोपालकृष्णन पद्मनाभन उर्फ दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया, जबकि बाकी 6 आरोपियों को अभिनेत्री के अपहरण, गैंगरेप और अपराध का वीडियो रिकॉर्ड करने का दोषी करार दिया गया। यह केस गवाहों की लंबी पूछताछ, हाई-प्रोफाइल सुनवाई और कई कानूनी जटिलताओं के कारण बीते 8 वर्षों से चर्चा में था।
कोर्ट के फैसले पर दिलीप की प्रतिक्रिया
कोर्ट के फैसले के बाद अभिनेता दिलीप ने मीडिया से बातचीत में अपने समर्थकों और फैंस का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जो लोग इस कठिन समय में उनके साथ खड़े रहे, वह उनके हमेशा आभारी रहेंगे। दिलीप ने इसे एक “लंबी और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण लड़ाई का अंत” बताया।
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आखिर क्या था 2017 का किडनैपिंग और गैंगरेप केस?
केस रिकॉर्ड के मुताबिक, 17 फरवरी 2017 की रात एक मशहूर अभिनेत्री का अपहरण किया गया था। आरोपी नंबर-1 सुनील एनएस, जिसे पल्सर सुनी के नाम से जाना जाता है, जबरन अभिनेत्री की कार में घुस गया। उसके साथ पांच अन्य आरोपियों ने चलती कार में अभिनेत्री के साथ मारपीट और गैंगरेप किया। इस दौरान अपराध का वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया। जांच के दौरान इस साजिश में कुल 10 लोगों के नाम सामने आए, जिनमें अभिनेता दिलीप भी आरोपी बनाए गए थे।
8 मार्च 2018 से शुरू हुआ था ट्रायल
इस केस का ट्रायल 8 मार्च 2018 को शुरू हुआ था। कुल 261 गवाहों से पूछताछ हुई। इनमें से 28 गवाह अपने बयानों से मुकर गए। कुछ आरोपी पहले ही सरकारी गवाह (Approver) बन गए थे। मामले की सुनवाई के दौरान पल्सर सुनी समेत कई आरोपियों पर गंभीर धाराओं में ट्रायल चला।
दिलीप पर लगे थे ये आरोप
दिलीप को 10 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर अपराध की साजिश रचने का आरोप लगा था। गिरफ्तारी के बाद कई फिल्म संगठनों ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी। राजनीतिक विरोध प्रदर्शन हुए और उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को नुकसान भी पहुंचा। हालांकि, 3 अक्टूबर 2017 को उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके बाद साल 2018 में दिलीप ने केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस पर झूठा फंसाने का आरोप लगाया था।
कौन हैं दिलीप?
दिलीप का पूरा नाम गोपालकृष्णन पद्मनाभन है। वह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता होने के साथ-साथ निर्माता और उद्यमी भी हैं। दिलीप ने अपने करियर में 150 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत मिमिक्री आर्टिस्ट के तौर पर की थी और बाद में अपनी मेहनत के दम पर इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई। अभिनय के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें चार बार केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड और एक फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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दिलीप का फिल्मी करियर
दिलीप के फिल्मी करियर का टर्निंग पॉइंट कॉमेडी ऑडियो सीरीज़ ‘धे मावेली कोम्बाथु’ माना जाता है, जिससे उन्हें व्यापक पहचान मिली। उन्होंने फिल्मों में अपने सफर की शुरुआत मशहूर निर्देशक कमल के असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी। इसके बाद दिलीप ने वर्ष 1992 में फिल्म ‘एन्नोदिष्टम कूडामो’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। साल 1994 में फिल्म ‘मनाथे कोट्टारम’ के जरिए उन्हें पहली बार मुख्य भूमिका मिली। वहीं 1996 में रिलीज हुई फिल्मों ‘सल्लापम’ और ‘ई पुझायुम कडन्नू’ से उन्हें बतौर अभिनेता बड़ी लोकप्रियता हासिल हुई। अपने उत्कृष्ट अभिनय के लिए दिलीप को अब तक चार बार केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड और एक फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ से सम्मानित किया जा चुका है।

