गोलियां नहीं, अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए काफी है महिला नसबंदी, जानिए इसके फायदे-नुकसान

punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 11:31 AM (IST)

अनचाहे गर्भ से बचने के लिए महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां यानी बर्थ कंट्रोल पिल्स का सहारा लेती हैं। हालांकि जो महिलाएं अनचाहे गर्भ, 1 से अधिक बच्चा या अपना परिवार पूरा कर चुकी महिलाएं नसबंदी का सहारा भी लेती हैं। बेहतरीन गर्भनिरोधक उपायों में से एक महिला नसबंदी को ट्यूबेक्टोमी, ट्यूबल लिगेशन औरफीमेल स्टरलाइजेशन भी कहा जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह प्रक्रिया और इसके फायदे-नुकसान...

महिला नसबंदी क्या है?

महिला नसबंदी अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए एक ऐसा उपाय है, जिसमें महिला को छोटा-सा ऑपरेशन करवाना पड़ता है। मरीज को लोकल या रीजनल एनेस्थेटिक देकर यह ऑपरेशन किया जाता है। इसमें अंडे को अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाने वाली नली फैलोपिन ट्यूब को अवरुद्ध या बीच से काट दिया जाता है, ताकि अंडे यूट्रस तक पहुंच नहीं पाते। ऑपरेशन के कुछ समय बाद महिला को  सामान्य रूप से छुट्टी दे दी जाती है।

PunjabKesari

99% असरदार यह तकनीक

बता दें कि ज्यादा मामलों में यब ऑपरेशन 99% सफल रहा है। ऑपरेशन के बाद केवल 200 में से किसी एक महिला के गर्भवती होने की आशंका होती है। यह ऑपरेशन सीजेरियन और मिनी लैपरोटोमी तकनीक द्वारा किया जाता है जबकि विकसित देशों में इसके लिए लैप्रोस्कोपिक नसबंदी और हिस्टोरोस्कोपिक ट्यूबल ओक्लुजन तकनीक फेमस है।

महिला नसबंदी कब और कैसे चुने?

आमतौर पर महिलाएं नसबंदी तब करवाती हैं, जब वह अपनी व परिवार की इच्छानुसार बच्चे पैदा कर चुकी होती हैं। वहीं, 30 या 40-45 साल से अधिक की उम्र की महिलाएं भी प्रेगनेंसी से बचने के लिए इस प्रक्रिया का सहारा लेती हैं। याद रखें कि नसबंदी का तरीका तभी चुनें जब आप सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हो क्योंकि एक स्थायी प्रक्रिया है। प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी करवाने के लिए आप मिनी-लैपरोटोमी का सहारा ले सकते हैं।

नसबंदी के बाद बरतें ये सावधानियां...

. सर्जन के पास फॉलोअप के लिए जाती रहें और साथ ही दवाई और एंटी बायोटिक्स का कोर्स भी पूरा करें नहीं, तो इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
. अगर ऑपरेशन के बाद बुखार, लगातार पेट दर्द, चीरे से खून या पीप आने जैसे लक्षण दिखाई दे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
. सर्जन के बताए अनुसार या ऑपरेशन के बाद 7 दिन तक संबंध बनाने से बचें।
ऑपरेशन के बाद पीरियड नना आए या लेट हो जाए तो सर्जन से संपर्क करें।

PunjabKesari

महिला नसबंदी के फायदे

. जो महिलाएं गर्भनिरोधन रोकने के लिए स्थापी उपाय चाहती हैं उनके लिए यह बेहतरीन विकल्प है।
. इसकी असफलता की दर भी बहुत कम है।
. नसबंदी में गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन, इम्प्लांट्स या इंट्रायूटेरियन उपकरण (आईयूडी) की तरह साइड-इफैक्ट नहीं होते।
. इससे आपके हार्मोन्स, पीरियड्स और संबंध बन।
. वहीं, शोध के अनुसार, इससे अंडाशय का कैंसर की संभावना भी काफी भी कम हो जाती है।

महिला नसबंदी के नुकसान

. यह एक स्थायी प्रक्रिया है, जिसे बदलना मुश्किल है।
. अगर ऑपरेशन फैल हो जाए तो आप गर्भवती भी हो सकती है।
. कई बार ऑपरेशन फैल होने पर गर्भ बाहर ही ठहरने की आशंका रहती है, जिसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है।
. इसमें चीरे वाली जगह इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।  वहीं, जनरल एनेस्थेटिक से पेट में परेशानी, गैस बनना और दर्द हो सकता है।

PunjabKesari

नसबंदी के बाद भी आप गर्भवती हो जाए या बिना बात के खून आना, या पेट में दर्द हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से चेकअप करवाएं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Related News

static