इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कहीं आप भी तो नहीं ले रहे Nutraceuticals, जान लें इसके फायदे नुकसान

punjabkesari.in Tuesday, Apr 12, 2022 - 03:59 PM (IST)

कोरोना वायरस के केस एक बार फिर बढ़ रहे हैं तो वहीं ओमिक्रॉन के नए XE वैरिएंट ने भी लोगों के बीच दहशत का माहौल बना रखा है। वैज्ञानिकों की आशंका है कि नया वैरिएंट कोरोना की चौथी लहर का कारण बन सकता है। वहीं, गर्मी ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ऐसे में सेहत को लेकर लापरवाही बरतना गलत होगा। हालांकि स्वस्थ रहने के लिए आजकल लोग न्यूट्रास्युटिकल्स का चयन कर रहे हैं। न्यूट्रास्युटिकल्स ऐसे पदार्थ हैं जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि न्यूट्रास्युटिकल्स क्या है और यह सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है।

न्यूट्रास्यूटिकल्स क्या है?

 हेल्थ सप्लीमेंट्स यानी न्यूट्रास्यूटिकल्स या बायोस्यूटिकल एक फार्मास्युटिकल विकल्प है, जो कई बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल होता है। न्यूट्रास्युटिकल' शब्द 'पोषक तत्व' के दो शब्दों को जोड़ता है, जो एक पौष्टिक खाद्य घटक है और 'फार्मास्युटिकल', जो एक चिकित्सा दवा है। ये न्यूट्रिशियन और फार्मास्यूटिकल्स प्रॉडक्ट्स का ऐसा मिक्सचर है, जिनमें विटामिन्स, मिनरल्स टेबलेट्स, कैप्सूल्स या सिरप के रूप में मिलते हैं।

न्यूट्रास्युटिकल्स कैसे फायदेमंद हैं?

1. कोविड -19 महामारी के बाद के विटामिन और खनिजों की मांग में काफी वृद्धि हुई है। वहीं, लोग सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाने ही नहीं बल्कि संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए भी न्यूट्रास्युटिकल्स सप्लीमेंट्स ले रहे हैं। ये शरीर को उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं और इसलिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।

2. न्यूट्रास्यूटिकल्स उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है , जिससे आप बुढ़ापे में होने वाली समस्याओं से बचे रहते हैं।

3. इसका इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और विकारों की रोकथाम और उपचार में भी किया जाता है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बनाने में मदद करता है।

4. न्यूट्रास्युटिकल्स डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और ऐसी अन्य घातक बीमारियों से निपटने में मददगार साबित होते हैं।

5. फाइबर से भरपूर होने के कारण यह धमनियों में ब्लॉकेज होने से रोकता है। वहीं, यह वजन को कंट्रोल करने में भी मददगार साबित हो सकता है।

6. न्यूट्रास्युटिकल्स भी नींद के पैटर्न में सुधार करते हैं। दरअसल, इसमें मैग्नीशियम भी होता है, जो अच्छी नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं।

7. विटामिन डी जैसे कुछ विटामिन हमारे मूड को स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। विटामिन बी चिंता और अवसाद के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा है। विटामिन-बी2 या राइबोफ्लेविन फिर से एक बहुत ही महत्वपूर्ण विटामिन है जो ज्यादातर मांस में पाया जाता है। इसलिए शाकाहारी इसके लिए सप्लीमेंट ले सकते हैं।

अच्छी तरह कर लें प्रोडक्ट्स की जांच

एक सर्वे के मुताबिक, बाजार में ऐसे कई हेल्थ सप्लीमेंट्स बिक रहे हैं, जिसमें पोषक तत्वों की मात्रा रिकमेंडिड डायटरी एलाउंस से कहीं कम या ज्यादा होती। ऐसे में यह आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। सर्वे के मुताबिक, इनमें रोजाना लिए जाने वाले के मुकाबले कम पोषक तत्व होते हैं। शरीर को रोज 600mg कैल्शियम चाहिए होता है लेकिन मल्टीविटामिंस में सिर्फ 200mg कैल्शियम होता है। मगर, 1 गिलास दूध में 52mg और 1 केले में 364mg कैल्शियम होता है। 

ऐसे में आप भी किसी प्रोडक्ट्स को खरीदने से पहले उसके पोषक तत्व और पैकेट पर लिखी हर चीज को ध्यान ले पढ़ लें।

Content Writer

Anjali Rajput