देश की आबादी में खून की कमी! एनिमिया की चपेट में आ रहे बच्चे, 9 फीसदी मामलों में इजाफा

punjabkesari.in Tuesday, May 24, 2022 - 07:37 PM (IST)

देश में खून की कमी से जुड़ी बीमारी यानी एनीमिया तेजी से बढ़ रही है। पांच साल तक के बच्चे इसका तेजी से शिकार हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों से इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी देखने काे मिल रही है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे(एनएचएफएस) की रिपोर्ट की मानें तो खून की कमी से ग्रस्त बच्चों की संख्या में 9 फीसदी का इफाजा हुआ है, जो देश के लिए चिंता की बात है। 

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एनएचएफएस(NHFS) के सर्वे के अनुसार

बच्चों के साथ-साथ महिलाओं में भी खून की कमी हो रही है। एनएचएफएस के सर्वे के मुताबिक  2015-16 के बीच जहां  6 से 59 महीने के 58.6 फीसदी बच्चे एनीमिक पाए गए थे। वहीं 2019-21 के बीच में यह संख्या  67.1 फीसदी तक पहुंच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-21 में 64.2 तथा गांवों में 64.2 तथा गांवों में 68.3 फीसदी बच्चे खून की कमी से ग्रस्त थे। बच्चों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 ग्राम/प्रति डेसीलीटर से भी कम पाई गई । गांव और शहरों को मिलाकर यह संख्या 67.1 प्रतिशत फीसदी है। 

एनएचएफएस-4 का भी हुआ था सर्वे

विशेषज्ञों के अनुसार, मां और बच्चे को भरपूर पोषक आहार न मिल पाने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। इससे पहले भी 2015-16 में एनएचएफएस-4 ने सर्वे किया था, उस समय शहरों में 56 और गांवों में 59.5 तथा कुल 58.6 फीसदी बच्चों में खून की कमी पाई गई थी। इस तरह पांच साल में देखा जाए तो नौ प्रतिशत एनीमिक बच्चों की बढ़ोतरी हुई है।

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एनीमिया के लक्षण 

. हार्ट रेट का बढ़ना 
. सांस का फूल जाना या फिर सांस लेने में दिक्कत होना 
. शरीर में कम एनर्जा महसूस होना 

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. बच्चे का बार-बार थक जाना 
. सिर में दर्द होना 
. जीभ का सूज जाना 
. बच्चे की त्वचा और आंखों में पीलापन रहना 
. विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होना 
. बीमारियों का शरीर में बढ़ना

कैसे करें बचाव 

बच्चे में खून की कमी उम्र और स्वास्थ्य पर ज्यादा निर्भर करती है। इसका इलाज इस चीज पर निर्भर करता है कि बच्चे की स्थिति कितनी गंभीर है। आप बच्चे की डाइट में विटामिन्स, मिनरल्स युक्त आहार और स्पलीमेंट्स को डाइट में शामिल करके खून की कमी को पूरा कर सकते हैं। एनीमिया के लक्षण दिखने पर आप बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास जरुर लेकर जाएं। 

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palak

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