राज्यसभा में पास हुआ Abortion Amendment Bill, जानिए किन्हें मिलेगी राहत

punjabkesari.in Sunday, Jun 06, 2021 - 10:48 AM (IST)

भारतीय महिलाओं की सेहत का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। दरअसल, 17 मार्च 2020, एक साल पहले लोकसभा में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी अमेंडमेंट​ बिल-2020 पास किया गया था। वहीं, अब राज्यसभा से भी इस बिल को मंजूरी मिल गई है।

गर्भपात की सीमा बढ़ाई

इस बिल के तहत अब गर्भपात (abortion) की अधिकतम मंजूर सीमा को 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दिया गया है। बता दें कि इस बिल में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट-1971 में संशोधन का प्रावधान है, जो महिलाओं की गरिमा, स्वायत्तता और गोपनीयता प्रदान करने वाला है।

PunjabKesari

क्या है मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अमेंडमेंट​ बिल?

दरअसल, गर्भपात कानून की वजह से रेप पीड़िता या किसी बीमारी से ग्रस्त महिला भी अबॉर्शन नहीं करवा सकती थी। डॉक्टरों व पुराने कानून के मुताबिक, अबॉर्शन से महिला की जान को खतरा होता है इसलिए यह तभी किया जाता है जब प्रेगनेंसी को 20 हफ्ते से कम समय हुआ हो। मगर, नए कानून के तहद अब महिलाएं 24 हफ्ते के बाद भी अबॉर्शन करवा सकती है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि इसकी मंजूरी सिर्फ असाधारण परिस्थितियों के लिए दी गई है इसलिए इसका दुरुपयोग ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

क्यों पड़ी इस बिल की जरुरत?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक, गर्भपात महिलाओं के सुरक्षित के लिहाज से जरूरी है। 20 हफ्ते में गर्भपात करवाना सुरक्षित नहीं था लेकिन 24 सप्ताह में गर्भपात करवाना अपेक्षाकृत ज्यादा सेफ होगा। इससे गर्भपात के कारण होने वाली मौतें के आंकड़े कम हो सकते हैं। असुरक्षित गर्भपात के कारण होने वाली मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए इस बिल को पास किया गया है।

PunjabKesari

35 हजार महिलाओं की मौत का कारण अनसेफ

केंद्रीय मंत्रालय व यूनिसेफ के रिकॉर्ड के मुताबिक, साल 2017 में 100,000 गर्भवती में 35,000 महिलाओं की मौत बच्चे को जन्म देने के बाद हुई। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ परेशानियां प्रेगनेंसी के 6-7 महीने के बाद आती है लेकिन पुराने कानून के अनुसार, 5वें हफ्ते के बाद गर्भपात नहीं हो सकता। 

बिल से किन्हें मिलेगी राहत?

इस बिल का सबसे बड़ा फायदा खासकर रेप पीड़ित महिलाओं को होगा। इसके अलावा अगर कोई महिला गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो इससे उसकी जान जाने के जोखिम का खतरा कम होगा।

2020 में भी किए गए थे बदलाव

सरकार द्वारा मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट -2020 में पिछले साल कुछ बदलाव किए गए थे, जिसके तहद अगर गर्भ-निरोधक गोली काम नहीं करती तो महिलाएं अबॉर्शन का सहारा ले सकती हैं। इसे गैर-कानूनी नहीं माना जाएगा। इसके अलावा अनमैरिड महिलाओं यानि सिंगल मदर्स के लिए भी यह नियम माननीय होगा। हालांकि किसी विशेष परिस्थिति में अबॉर्शन करवाने से पहले कोर्ट की परमिशन लेना जरूरी होगा।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static