अब सुई से नहीं, धागे से लगेगा Injection वो भी बिना दर्द के

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 06:38 PM (IST)

नारी डेस्क : हर कोई इंजेक्शन लगवाने से डरता है, लेकिन अब डरने की कोई जरूरत नहीं क्योंकि वैज्ञानिकों ने वैक्सीन देने का एक नया और आसान तरीका खोज लिया है। अब भविष्य में वैक्सीन लगाने के लिए सूई की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि दांत साफ करने वाले फ्लॉस (Dental Floss) से वैक्सीन दी जा सकेगी। यह खोज मेडिकल साइंस में एक बड़ी क्रांति साबित हो सकती है।

फ्लॉस से वैक्सीन कैसे दी जाएगी?

हम आमतौर पर वैक्सीन लगवाने के लिए इंजेक्शन या सुई का इस्तेमाल करते हैं, जिससे दर्द भी होता है। लेकिन टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के एस.जे. इंग्रोल और नॉर्थ कैरोलाइना स्टेट यूनिवर्सिटी के इंजीनियर ने वैक्सीन देने का नया तरीका निकाला है। उन्होंने पाया कि दांत और मसूड़ों के बीच का छोटा हिस्सा, जिसे Gingival Sulcus कहते हैं, वैक्सीन देने के लिए सबसे सही जगह है। इस जगह से वैक्सीन सीधे शरीर की इम्यूनिटी को सक्रिय कर सकती है।

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चूहों पर किया गया प्रयोग

शोधकर्ताओं ने चूहों पर खास तरह के फ्लॉस का इस्तेमाल कर वैक्सीन दी। नतीजे बहुत ही हैरान करने वाले थे। जिन चूहों को फ्लॉस से वैक्सीन दी गई, उनमें Antibodies ज्यादा बनीं। इसके अलावा, ये चूहे घातक फ्लू से भी सुरक्षित रहे और उनकी इम्यूनिटी भी मजबूत हुई।

इंसानों पर शुरुआती टेस्ट

इसके बाद शोधकर्ताओं ने 27 वॉलंटियर्स पर एक छोटा टेस्ट किया। इस टेस्ट में वैक्सीन की जगह फ्लॉस पर रंग (Food Dye) लगाया गया। नतीजों में देखा गया कि करीब 60% लोगों में डाई मसूड़ों की सही जगह तक पहुंची। इसका मतलब है कि यह तरीका इंसानों में भी काम कर सकता है।

यह तरीका क्यों खास है?

इस नए तरीके की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब वैक्सीन के लिए सुई की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, फ्लॉस पर लगी वैक्सीन को ठंडा रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे पोस्ट के जरिए भेजा जा सकता है, और लोग इसे खुद आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात, इस तरीके में कोई दर्द नहीं होगा।

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आने वाली चुनौतियां

वैज्ञानिकों के सामने इस नए तरीके को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं। सबसे पहले, हर बार वैक्सीन सही मात्रा (Dose) में पहुंचाना जरूरी है। इसके अलावा, छोटे बच्चों में, जिनके मसूड़े अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं, इसे अलग तरीके से इस्तेमाल करना होगा। साथ ही, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वैक्सीन सही जगह तक पहुंची है, जिसके लिए नए तकनीकी उपाय विकसित करने होंगे। फ्लॉस वैक्सीन का यह तरीका न केवल मेडिकल साइंस में बदलाव ला सकता है, बल्कि उन जगहों में भी बहुत मदद करेगा जहां वैक्सीन पहुंचाना मुश्किल होता है। आने वाले समय में यह खोज वैक्सीन की दुनिया को पूरी तरह बदल सकती है।


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Content Editor

Monika

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