7 दिनों में कम करें Cholesterol और नसें हो जाएगी एकदम साफ, रूटीन से खाएं सिर्फ 2 चीजें

punjabkesari.in Saturday, Oct 12, 2024 - 07:48 PM (IST)

नारी डेस्कः कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) एक ऐसी समस्या है जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक, ब्लड प्रैशर, पित्ते की पथरी, डायबिटीज ना जाने कितनी तरह की हैल्थ प्रॉब्लम को अपने साथ लेकर आती हैं। कोलेस्ट्रॉल का हाई होना (High Cholesterol) आपके शरीर को कई तरीके से नुकसान पहुंचाता है। कोलेस्ट्रॉल, विशेष रूप से LDL (Low-Density Lipoprotein) या "खराब कोलेस्ट्रॉल," जब खून में बढ़ जाता है तो यह धमनियों में जमने लगता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर समस्याएं भी एक के बाद एक बढ़ने लगती है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने का एकमात्र उपाय हैल्दी लाइफस्टाइल ही है। सही आहार खाकर ही इसे कंट्रोल में किया सकता है। वहीं सैर,योग और फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाना भी इसके साथ बहुत जरूरी है। 

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण| High Cholesterol Symptoms

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण त्वचा पर पीले चक्ते या लंप बन जाते हैं जो अक्सर आंखों के आस-पास या कोहनी और घुटनों पर नजर आते हैं। ऐसे ही, कुछ लक्षण हाथ-पैरों में भी नजर आ सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल इकट्ठा होने की वजह से आर्टरीज संकरी होने लगती हैं और रक्त प्रवाह कम हो जाता है। थकान, सिर दर्द, जी मिचलाना, सुन्न होना, पैरों में दर्द, सीने में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, हाथ-पैर पीले दिखने लगते हैं। पैरों, जांघों, कूल्हों और पंजों में ऐंठन होना, हाथ या पैर में झंझनाहट सुन्नपन रहता है।  फिजिकल एक्टिविटी के दौरान पैरों में अकड़न होना, पेट के दाईं ओर ऊपरी हिस्से में दर्द होना।

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नसों में जमा कोलेस्ट्रॉल को कैसे साफ करें? |Naso Mein Cholesterol Kaise Kam Karein

नसों में जमे गंदे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए आपको अपनी डाइट को सही करना होगा। इसके लिए आप एक्सपर्ट की राय ले सकते हैं। डाइट चार्ट बनवा सकते हैं। वहीं बता दें कि नसों में कोलेस्ट्रॉल को साफ करने के लिए आपको सॉल्यूबल फाइबर से भरपूर ओट्स, जौ, फलियां, सेब, संतरा, जामुन, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और गाजर का सेवन अधिक करना चाहिए क्योंकि सॉल्यूबल फाइबर ब्लडस्ट्रीम में इसके अवशोषण को कम करके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद मिलती है। 

बिना दवाई के कोलेस्ट्रॉल कम करने में कितना समय लगता है?

स्वस्थ आहार और व्यायाम से कोलेस्ट्रॉल कम करने में 3-6 महीने लग सकते हैं लेकिन यह निर्भर करता है कि आपके कोलेस्ट्रॉल का लेवल कितना बढ़ गया है इसके लिए टेस्ट और डॉक्टरी सलाह लेनी बहुत जरूरी है। कुछ लोगों को इसमें दवा लेने की जरूरत हो सकती है।

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7 दिनों में कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय | Cholesterol Kam Karne ke Upay

आयुर्वेद एक्सपर्ट की मानें तो आयुर्वेद में कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए अलसी के बीज और दालचीनी सबसे ज्यादा फायदेमंद है। हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज अगर इन दोनों चीजों का सही तरीके से सेवन कर लें तो कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा लेकिन नुस्खा कोई भी हो, इसे आजमाने से पहले आपको चिकित्सक परामर्श जरूर लेना चाहिए।

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गुड़ खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है क्या?

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर मीठे में और क्या खाएं? अगर आपक कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है और आपको मीठा खाने का मन कर रहा है तो आप चीनी की बजाय और गुड़ का सेवन करें है। गुड़ के पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मददगार हैं।

अर्जुन की छाल से कम होगा कोलेस्ट्रॉल

अर्जुन की छाल में पाए जाने वाले तत्व खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं।

दही खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है क्या?

दही भी कोलेस्ट्रॉल के निर्माण को रोकता है और साथ ही उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करता है। दही का सेवन दिन में करना बेहतर है, रात को खाने से परहेज करें। 

कौन सा फल कोलेस्ट्रॉल कम कर सकता है? |Cholesterol Ke liye Best Fruits

नींबू, संतरा और अंगूर जैसे खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए। इनमें मिनरल्स, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर होता है जो आपके बैड कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में मदद करता है। 

उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे अच्छा आहार क्या है?

भरपूर मात्रा में हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज, फलियां (जैसे बीन्स और दालें), मेवे और बीज आदि खाएं। 

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या न खाएं?  |High Cholesterol Kaise Kam Kare

अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी से जूझ रहे हैं तो रेड मीट का सेवन बिल्कुल ना करें। इससे कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ता है क्योंकि रेड मीट में सैचुरेटेड फैट का मात्रा बहुत होती है जो बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ा सकती है। रेड मीट के अलावा, बाकी नॉन वेज फूड्स का सेवन भी डॉक्टर की परामर्श पर करें। 

इसी के साथ सैचुरेटेड फैट और ऑयली फूड्स, ट्रांस फैट, फैट वाले आहार जैसे मीट, अंडे का पीला हिस्सा (योक), दूध से बनी चीजें, जंक फूड फास्ट फूड आदि का सेवन ना करें। ज्यादा चीनी और कार्ब्स का सेवन कम करें। सफेद ब्रेड, पेस्ट्री, और शुगर ड्रिंक्स से बचें।

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कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर क्या होगा? | Cholesterol Kaise Kam Kare

1.धमनियों का सख्त होना (एथेरोस्क्लेरोसिस)

बैड कोलेस्ट्रॉल, धमनियों में जमना शुरू हो जाता है जिसे प्लाक कहा जाता है। यह प्लाक धमनियों को संकुचित और सख्त कर देता है, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है और यह हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है।

2. हृदय रोग (Heart Disease)

धमनियों में प्लाक जमा होने से दिल को खून और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। इससे सीने में दर्द (एंजाइना) हो सकता है और हार्ट अटैक का (Heart Attack) खतरा बढ़ सकता है।

3. स्ट्रोक (Stroke)

जब दिमाग को खून की आपूर्ति करने वाली धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं तो स्ट्रोक हो सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल, मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में भी प्लाक जमा कर सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। यह स्थिति जीवन के लिए गंभीर और घातक हो सकती है। ब्रेन स्ट्रॉक व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है।

4. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)

जब धमनियां संकुचित और सख्त होती है तो दिल को खून पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे ब्लड प्रैशर बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल एक साथ होने से हृदय पर दबाव बढ़ता है, जिससे दिल के लिए खतरा पैदा हो जाता है।

5. पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (Peripheral Artery Disease - PAD)

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज, यह बीमारी तब होती है जब शरीर के अंगों, विशेष रूप से पैरों, में खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता। उच्च कोलेस्ट्रॉल PAD का एक प्रमुख कारण हो सकता है। इससे पैरों में दर्द, कमजोरी, और घाव होने की समस्या हो सकती है।

6. गॉलस्टोन (Gallstones)

हाई कोलेस्ट्रॉल, गॉलब्लैडर में भी समस्याएं पैदा कर सकता है। कोलेस्ट्रॉल के कारण गॉलस्टोन (पित्ताशय की पथरी) बनने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे पेट में दर्द और पाचन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं।

7. धमनियों का अवरुद्ध होना (Artery Blockage)

यदि धमनियों में प्लाक बहुत ज्यादा जम जाए तो रक्त प्रवाह पूरी तरह से अवरुद्ध हो सकता है। यह स्थिति गंभीर हृदयाघात या स्ट्रोक का कारण बन सकती है।

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8. डायबिटीज का खतरा

हाई कोलेस्ट्रॉल, विशेष रूप से ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को बढ़ाने के कारण, डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। डायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्रॉल एक साथ हृदय रोगों और स्ट्रोक के जोखिम को दोगुना कर देते हैं।

9. यौन स्वास्थ्य पर असर

उच्च कोलेस्ट्रॉल यौन स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पुरुषों में यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) का कारण बन सकता है क्योंकि यह जननांगों की धमनियों में रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है।

10. किडनी प्रॉब्लम्स

धमनियों में प्लाक जमा होने से किडनी तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता, जिससे किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। यह किडनी की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

11. धमनीविस्फार (Aneurysm)

उच्च कोलेस्ट्रॉल से धमनियों की दीवारें कमजोर हो सकती हैं, जिससे धमनियों में सूजन (aneurysm) हो सकती है। अगर यह धमनी फट जाती है, तो यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति बन सकती है और जीवन को खतरा हो सकता है।

12. शरीर को और समस्याएं

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण थकान, कमजोरी, और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। इससे जीवन की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और रोजमर्रा के कामकाज में कठिनाई हो सकती है।

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कोलेस्ट्रॉल के लिए बेस्ट डाइट| Cholestrol Ke liye Best Diet

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने के लिए आपकी डाइट का सही होना बहुत जरूरी है। सही आहार से ही आप कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आपकी डाइट में कौन-कौन से आहार होने चाहिए। 

फाइबर से भरपूर

घुलनशील फाइबर (Soluble Fiber) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसलिए डाइट में जई (ओट्स) और जई का चोकर, साबुत अनाज (जैसे जौ, ब्राउन राइस), सेब, नाशपाती, और संतरे, बीन्स और दालें जैसे मसूर, छोले, राजमाह आदि खाएं।

गुड फैट फूड्स

असंतृप्त वसा (Monounsaturated and Polyunsaturated Fats) का सेवन LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है और अच्छी वसा वाले फूड्स जैसेः जैतून का तेल, मूंगफली का तेल एवोकाडो, नट्स (बादाम, अखरोट), फैटी फिश (सालमन, मैकेरल, ट्यूना) आदि खाएं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड

ओमेगा-3 फैटी एसिड फूड खाएं। जैसे फैटी फिश (सालमन, सार्डिन), अलसी के बीज, चिया सीड्स खाएं।

फल और सब्जियां

फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो हृदय की सुरक्षा करते हैं और फाइबर की मात्रा भी उच्च होती है। बेरीज, अंगूर, सेब,पालक, ब्रोकोली, गाजर आदि का सेवन करें।

साबुत अनाज

साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, होल वीट ब्रेड और क्विनोआ का सेवन शरीर में फाइबर और पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है।

प्लांट स्टेरोल्स और स्टैनोल्स

ये यौगिक पौधों में पाए जाते हैं और LDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। कुछ विशेष रूप से फोर्टिफाइड फूड्स जैसे कि प्लांट-बेस्ड स्प्रेड्स, जूस और दही में पाए जाते हैं।

प्रोटीन खाएं

पौधों से प्राप्त प्रोटीन जैसे दालें, बीन्स, और टोफू का सेवन करें। इनका सेवन मांस के बजाय करने से कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण बेहतर हो सकता है। अंडे का सफेद हिस्सा और लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है।

ग्रीन टी और हर्बल चाय

ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

नोटः याद रखें कि संतुलित आहार को अपनाकर आप अपने कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी और व्यायाम भी कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
 


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Content Writer

Vandana

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