6 साल की बच्ची निकली आतंकी, आर्मी चीफ की हत्या... 16 लोग गिरफ्तार
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 06:38 PM (IST)

नारी डेस्क: म्यांमार की राजधानी यंगून से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक 6 साल की मासूम बच्ची को आतंकवादी करार देकर गिरफ्तार कर लिया गया है। बच्ची के साथ-साथ कुल 16 लोगों को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि यह बच्ची एक ऐसे संगठन से जुड़ी बताई जा रही है, जिसने हाल ही में एक रिटायर्ड सेना अधिकारी की हत्या की है।
बच्ची पर क्यों लगा आतंकी संगठन से जुड़ाव का आरोप?
पुलिस और सेना का कहना है कि यह बच्ची उस मुख्य आरोपी की बेटी है, जिसने 22 मई को रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल चो तुन आंग की गोली मारकर हत्या की थी। चूंकि बच्ची आरोपी की बेटी है, इसलिए उसे भी गिरफ्त में ले लिया गया। यह घटना म्यांमार के सामाजिक और राजनीतिक हालात की गंभीरता को दर्शाती है।
जनरल की हत्या और विद्रोही संगठन की जिम्मेदारी
22 मई को यंगून की सड़कों पर दिनदहाड़े जनरल चो तुन आंग की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी 'गोल्डन वैली वॉरियर्स' नामक एक विद्रोही संगठन ने ली है। यह संगठन म्यांमार की सेना के खिलाफ लड़ रहा है। संगठन का कहना है कि चो तुन आंग उन सैन्य अभियानों का समर्थन करते थे जिनमें आम नागरिकों पर अत्याचार किया गया। म्यांमार की सेना पहले ही इस संगठन को आतंकी घोषित कर चुकी है।
सेना ने निर्वासित सरकार पर लगाया आरोप
म्यांमार की सेना ने इस हत्या के पीछे देश की निर्वासित सरकार 'नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट' (NUG) का हाथ बताया है। सेना का दावा है कि इस हत्या के लिए हमलावर को करीब 200,000 क्यात (लगभग 95 अमेरिकी डॉलर) की रकम दी गई थी। हालांकि, NUG ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज किया है। उनका कहना है कि वे किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करते और सेना का यह आरोप पूरी तरह गलत है।
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2021 के तख्तापलट के बाद बिगड़े हालात
2021 में म्यांमार में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव आया जब सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाकर सत्ता अपने हाथ में ले ली। इसके बाद से देश में भारी विरोध, हिंसा और अस्थिरता देखने को मिली। सिविल वॉर जैसे हालात बन गए हैं और हजारों आम लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक स्वतंत्र संस्था AAPP की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक करीब 600 से ज्यादा बच्चों को गिरफ्तार किया गया है और 6,700 से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं।
मानवाधिकारों का हो रहा है उल्लंघन
म्यांमार की सेना बार-बार यह दावा करती है कि वह देश में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है। लेकिन असलियत इसके बिल्कुल उलट है। 6 साल की मासूम बच्ची को आतंकवादी बताकर जेल में डालना इस बात का बड़ा उदाहरण है कि म्यांमार में किस हद तक मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।