Heart Health: दिल को मजबूत बनाएंगे ये 5 योगासन
punjabkesari.in Sunday, Feb 18, 2024 - 05:19 PM (IST)
खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहा है। जैसे हार्ट प्रॉबलम्स, डायबिटीज, गठिया आदि। खासतौर पर दिल से जुड़ी बीमारियां व्यक्ति को कम उम्र में ही घेर रही हैं। छोटी उम्र में ही हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं। हार्ट का ध्यान न रखने के कारण इन बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है। हार्ट यानी की दिल शरीर का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। यह पूरे शरीर में ब्लड के जरिए ऑक्सीजन को सर्कुलेट करने में मदद करता है। यदि हार्ट हेल्दी न हो तो शरीर के हर हिस्से तक ब्लड नहीं पहुंच पाएगा। ऐसे में यदि आप भी चाहते हैं कि आपका हेल्दी रहे तो आज आपको कुछ ऐसे योगासन बताते हैं जो आपके दिल को दुरुस्त रखेंगे। आइए जानते हैं।
उत्कटासन
दिल को स्वस्थ रखने के लिए आप उत्कटासन कर सकते हैं। इसे चेयर पोज भी कहते हैं। उत्काटन से पैर, जांघ और कंधों की मांसपेशियों प्रभावित होती हैं। इसके अलावा यह आसन बैलेंस रहना सिखाता है जिससे हार्ट हेल्थ में सुधार होता है। उत्कटासन करने से बॉडी को टोंड करने में भी मदद मिलती है।
पादांगुष्ठासन
यह आसन भी हार्ट हेल्थ के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इस आसन में हाथ के अंगूठे के साथ पैरों के अंगूठे को छूना होता है। पादांगुष्ठासन करने से स्ट्रेस दूर होता है, एंग्जायटी कम होती है और पूरा शरीर रिलैक्स होता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा होता है और पाचन क्षमता में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा यह आसन हार्ट के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है
ताड़ासन
हार्ट हेल्थ के लिए ताड़ासन भी काफी फायदेमंद माना जाता है। इसका ओवरऑल असर हेल्थ पर पड़ता है। इसके अलावा ताड़ासन करने से पोश्चर भी सुधरता है, ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। ऐसे में यह आसन हार्ट को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
चक्रासन
चक्रासन करना काफी मुश्किल है परंतु यह हार्ट हेल्थ को बूस्ट करने में मदद करता है। इस आसन को करने से मांसपेशियां खुलती हैं, हाथों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। पीठ और पैरों को भी इस आसन को करने से सपोर्ट मिलता है। चक्रासन करने से सीने की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं, स्पाइन की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है और हार्ट फंक्शन बूस्ट होता है।
उत्तानासन
उत्तानासन करने से जांघ, टखनों और घुटनों पर दबाब पड़ता है। इस आसन को करने से मसल्स फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, स्पाइन की स्ट्रेंथ बढ़ती है। उत्तानासन में कमर का ऊपरी हिस्सा जमीन की ओर झुकता है और सिर पैरों को छूता है ऐसे में इससे हार्ट की ब्लड सर्कुलेशन बढ़ती है। ऐसे में उत्तानासन करने के हार्ट की क्षमता बेहतर होती है।