11 साल से पहले पीरियड्स? जंक फूड से बढ़ रहा जल्दी पीरियड्स का खतरा
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 11:06 AM (IST)
नारी डेस्क: मासिक धर्म (Menstruation) हर लड़की के जीवन में एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जो यौवन की शुरुआत को दर्शाता है। आमतौर पर, लड़कियों को 11 से 14 वर्ष की उम्र के बीच पहली बार पीरियड्स आते हैं। लेकिन आजकल कई लड़कियों को 11 साल से भी कम उम्र में माहवारी हो रही है, जिसे जल्दी माहवारी (Early Menarche) कहा जाता है। यह स्थिति चिंता का विषय बनती जा रही है क्योंकि यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं कि जल्दी पीरियड्स आने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
जल्दी पीरियड्स आने के कारण
असंतुलित आहार और मोटापाआजकल बच्चों में जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और कैलोरी युक्त आहार का सेवन बढ़ गया है। इससे मोटापा बढ़ता है, जिससे शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जो जल्दी माहवारी का कारण बन सकता है।
हार्मोनल असंतुलनशरीर में हार्मोनल बदलाव जल्दी माहवारी को प्रभावित कर सकते हैं। यह बदलाव पर्यावरणीय कारणों, आनुवंशिक कारकों या जीवनशैली में अचानक हुए परिवर्तनों के कारण हो सकते हैं।
पर्यावरणीय प्रभावप्लास्टिक में मौजूद बिस्फेनॉल ए (Bisphenol A - BPA) जैसे केमिकल्स, जो पैकेज्ड फूड और पानी की बोतलों में पाए जाते हैं, हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं और जल्दी माहवारी का कारण बन सकते हैं।
तनाव और मानसिक दबावआजकल शिक्षा का बढ़ता दबाव, पारिवारिक समस्याएं या सामाजिक तनाव भी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। मानसिक तनाव हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) ग्रंथि को प्रभावित कर सकता है, जिससे हार्मोनल बदलाव होते हैं और माहवारी जल्दी शुरू हो सकती है।
आनुवंशिक कारणयदि परिवार में किसी महिला को जल्दी माहवारी हुई है, तो अगली पीढ़ी की लड़कियों में भी यह समस्या देखने को मिल सकती है। आनुवंशिक कारक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शारीरिक गतिविधियों की कमीआजकल बच्चे खेलकूद में कम रुचि लेते हैं और ज्यादातर समय मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर के सामने बिताते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म (Metabolism) कम हो जाता है और मोटापा बढ़ता है, जो जल्दी माहवारी का कारण बन सकता है।
जल्दी माहवारी की रोकथाम के उपाय
संतुलित और पोषणयुक्त आहार देंबच्चों के आहार में हरी सब्जियां, फल, सूखे मेवे, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और फाइबर से भरपूर चीजें शामिल करें। इससे हार्मोन संतुलन बना रहेगा।
शारीरिक व्यायाम
शारीरिक व्यायाम को बढ़ावा दें बच्चों को खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। नियमित रूप से व्यायाम करने से हार्मोन संतुलित रहते हैं और मोटापा नियंत्रित रहता है। योग और ध्यान (Meditation) भी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
प्लास्टिक और पैकेज्ड फूड से बचें
प्लास्टिक और पैकेज्ड फूड से बचें बच्चों को प्लास्टिक की बोतलों और पैकेज्ड फूड के उपयोग से बचाना चाहिए। जैविक और ताजे खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दें और सुनिश्चित करें कि वे केमिकल-मुक्त भोजन का सेवन करें।
तनाव प्रबंधन
तनाव प्रबंधन में सहायता करें बच्चों को पढ़ाई या किसी अन्य कारण से होने वाले तनाव से दूर रखने के लिए परिवार के सदस्यों को उनका समर्थन करना चाहिए। उनके साथ संवाद बनाए रखें और सकारात्मक माहौल दें।
पर्यावरणीय कारकों पर ध्यान देंखाने-पीने की चीजों को प्राकृतिक रूप से तैयार करें और प्लास्टिक से दूर रहें। हर्बल और जैविक उत्पादों का इस्तेमाल करने से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
कम उम्र में पीरियड्स शुरू होना एक गंभीर विषय है, जो कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसका प्रमुख कारण बदलती जीवनशैली, असंतुलित आहार, पर्यावरणीय प्रभाव और तनाव हो सकता है। हालांकि, सही आहार, व्यायाम, तनाव प्रबंधन और पर्यावरणीय कारकों पर ध्यान देकर इसे रोका जा सकता है। अगर किसी लड़की में जल्दी माहवारी के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।