बिना किसी दवा के पाएं Peptic Ulcer से राहत, रामबाण हैं ये 10 चमत्कारी घरेलू उपाय

punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 12:03 PM (IST)

 नारी डेस्क: पेट का अल्सर (Peptic Ulcer) एक गंभीर और दर्दनाक स्थिति है जिसमें पेट या छोटी आंत की आंतरिक परत पर घाव या छाले बन जाते हैं। यह धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकता है, और सही समय पर इलाज न हो तो जानलेवा भी हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे अल्सर के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और जरूरी परहेज।

अल्सर के लक्षण (Symptoms of Ulcer)

अल्सर के लक्षण स्पष्ट होते हैं। सबसे आम संकेत है पेट में जलन और दर्द। ड्यूडिनल अल्सर में खाली पेट दर्द होता है, जो खाना खाने के बाद कम हो जाता है। वहीं, गैस्ट्रिक अल्सर में भूख कम लगती है, मल में खून आना, उल्टी में खून, वजन का अचानक घटना, और सीने में जलन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बार-बार पेनकिलर या एंटी-एसिड से ही दर्द ठीक हो तो यह अल्सर का संकेत हो सकता है।

अल्सर के कारण (Causes of Ulcer)

अल्सर के कई कारण होते हैं। सबसे आम कारण है हेलिकोबैक्टर पायलोरी (H. Pylori) बैक्टीरिया। इसके अलावा अधिक दर्द निवारक दवाएं लेना, अत्यधिक चाय-कॉफी पीना, मसालेदार खाना, अनियमित दिनचर्या, अत्यधिक तनाव, धूम्रपान और शराब सेवन जैसी आदतें भी अल्सर को जन्म देती हैं।

अल्सर के चमत्कारी घरेलू इलाज (Effective Home Remedies for Ulcer)

जीरा का काढ़ा

जीरा भारतीय रसोई में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाला मसाला है, लेकिन इसका उपयोग केवल स्वाद बढ़ाने तक सीमित नहीं है। सुबह खाली पेट जीरे का काढ़ा पीने से पाचन शक्ति मजबूत होती है, जिससे पेट की गैस, एसिडिटी और जलन जैसी समस्याएं कम होती हैं। जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट पेट की परत को आराम देते हैं और अल्सर के घाव भरने में मदद करते हैं। यह एक नेचुरल डिटॉक्स ड्रिंक की तरह काम करता है।

हल्दी का पानी

हल्दी को आयुर्वेद में "प्राकृतिक एंटीबायोटिक" कहा जाता है। इसमें करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो शरीर में सूजन को कम करता है और पेट की भीतरी परत को सुरक्षित रखता है। शाम को हल्का गुनगुना हल्दी का पानी पीने से पेट की जलन कम होती है और अल्सर को बढ़ने से रोका जा सकता है। यह पेट में बैक्टीरिया के खिलाफ भी असरदार होता है।

 शहद

शहद न केवल मीठा और स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह एक शक्तिशाली प्राकृतिक औषधि भी है। इसमें मौजूद ग्लूकोज पैराक्साइड पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को मारता है और अंदरूनी घावों को भरने में मदद करता है। रोज सुबह एक चम्मच शहद खाली पेट लेने से अल्सर में राहत मिलती है और पेट की परत मजबूत होती है।

नारियल पानी और तेल

नारियल एक संपूर्ण औषधीय फल है। इसका पानी न केवल शरीर को ठंडक देता है बल्कि पेट की भीतरी परत पर एक सुरक्षात्मक कवच भी बनाता है। नारियल तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पेट के बैक्टीरिया को नष्ट कर अल्सर को बढ़ने से रोकते हैं। रोजाना एक गिलास नारियल पानी और एक चम्मच नारियल तेल लेना बहुत फायदेमंद होता है।

बादाम और लहसुन

बादाम प्रोटीन और हेल्दी फैट्स से भरपूर होता है, जो पेट की सुरक्षा में सहायक है। अच्छे से चबाकर खाया गया बादाम पेट में जाकर दूध जैसा बन जाता है, जो अल्सर से प्रभावित हिस्सों को आराम पहुंचाता है। रोजाना सुबह 4-5 भीगे हुए बादाम खाना फायदेमंद होता है लहसुन एक नेचुरल एंटीबायोटिक है। इसमें एलिसिन नामक तत्व होता है जो पेट के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है। रोजाना 2-3 कच्ची लहसुन की कलियां पानी के साथ खाने से पाचन सुधरता है और अल्सर से राहत मिलती है। अगर कच्चा खाना कठिन हो तो इसे गुनगुने पानी में भिगोकर ले सकते हैं।

 गाय का दूध + हल्दी

गाय का दूध हल्का और सुपाच्य होता है। जब इसमें हल्दी मिलाई जाती है तो यह एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक पेय बन जाता है। यह मिश्रण पेट में सूजन और जलन को कम करता है। रात को सोने से पहले यह पीना अल्सर से राहत दिलाने में मददगार है।

गुडहल के पत्ते और  बेल के पत्ते और जूस

गुडहल के पत्तों का रस या शरबत अल्सर के दर्द और जलन को दूर करता है। यह पेट की भीतरी परत को ठंडक पहुंचाता है और धीरे-धीरे घाव भरने में सहायक होता है। इसका सेवन हफ्ते में 3-4 बार किया जा सकता है। बेल में पाए जाने वाले टैनिन्स पेट की सूजन कम करते हैं और गैस्ट्रिक परत को मजबूत बनाते हैं। बेल का रस या पत्तों का सेवन पेट को ठंडक पहुंचाता है और जलन से राहत देता है। गर्मी के मौसम में इसका सेवन बेहद लाभकारी होता है।

गाजर और पत्ता गोभी का रस

गाजर और पत्ता गोभी का रस अल्सर के इलाज में बेहद असरदार माना जाता है। पत्ता गोभी में लेक्टिक एसिड होता है जो पेट में अमीनो एसिड बनने में मदद करता है और घावों को तेजी से भरता है। गाजर इस मिश्रण को विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर बनाता है।

सहजन के पत्ते और मेथी के दाने

सहजन की पत्तियों को दही के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें और दिन में एक बार सेवन करें। यह पेट में बैक्टीरिया को मारता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। सहजन आयुर्वेद में एक सुपरफूड की तरह माना जाता है, खासकर पाचन समस्याओं में। मेथी के दानों में म्यूसीलेज होता है जो पेट की परत पर एक सुरक्षात्मक लेयर बनाता है। एक चम्मच मेथी दानों को उबालकर छान लें, उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और रोजाना पीएं। यह अल्सर को अंदर से ठीक करता है और पाचन को भी मजबूत बनाता है।

अल्सर में क्या न खाएं – जरूरी परहेज (Ulcer Diet Restrictions)

तेज मिर्च-मसाले और तले हुए खाने से बचें।

चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन बंद करें।

तनाव से दूर रहें, योग या ध्यान अपनाएं।

दवाइयों का जरूरत से ज्यादा सेवन न करें।

धूम्रपान और शराब का पूरी तरह त्याग करें।

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यदि अल्सर का समय पर इलाज न किया जाए तो यह कैंसर या रक्तस्राव का रूप ले सकता है। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन या कीमोथेरेपी जैसी प्रक्रिया अपनानी पड़ सकती है। इसलिए, अगर लक्षण गंभीर हों तो घरेलू उपायों के साथ डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

 नोट: यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए है। किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।  


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Content Editor

Priya Yadav

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