Child Labour Day: क्यों मनाया जाता है बाल श्रम दिवस? जानिए इसका महत्व

punjabkesari.in Friday, Jun 12, 2020 - 09:21 AM (IST)

दुनियाभर में हर साल 12 जून को "वर्ल्ड चाइल्ड लेबर डे" मनाया जाता है, जिसका मकसद्द बाल श्रम को खत्म करता है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 15 करोड़ से ज्यादा बच्चे बाल मजदूरी करने को मजबूर हैं, जिसमें से 1 करोड़ बच्चे भारत के भी है। खेलने-कूदने की उम्र में छोटे-छोटे बच्चे चाय की दुकान, खेत या कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करते हुए दिख ही जाएंगे। भले ही सरकार ने बाल श्रम को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हो लेकिन बच्चों की हालत में आज भी बदलाव नहीं आया।

वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर का इतिहास

सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में 5 से 15 साल के ऐसे कई छोटे-छोटे बच्चे हैं, जो परिवार की जिम्मेदारी संभालने के लिए बचपन में काम पर लग जाते हैं। बाल मजदूरी के चलते बचपन से पर्याप्त शिक्षा, उचित स्वास्थ्य देखभाल, अवकाश का समय या बस बुनियादी स्वतंत्रता से भी वंचित रह जाते हैं। बाल मजदूरी कोई नया विषय नहीं है बल्कि पुराने समय से ही मासूम बच्चे नन्हे हाथों से परिवार संभालते आ रहे हैं।

Child Labor in Hazardous Conditions Persistent Worldwide: Report

वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर का महत्व

रिपोर्ट के मुताबिक, 5 और 17 वर्ष की उम्र के बीच 152 मिलियन बच्चों को विशेष परिस्थितियों में श्रम करने को मजबूर किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि 152 मिलियन में से 73 मिलियन बच्चे खतरनाक काम करते हैं। यही नहीं, इसके लिए उन्हें मजदूरी भी बेहद कम दी जाती है।

वर्ल्ड चाइल्ड लेबर डे की शुरुआत

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने सन् 2002 से वर्ल्ड चाइल्ड लेबर डे मनाने की शुरुआत की। तब से हर साल 12 जून को वर्ल्ड चाइल्ड लेबर डे मनाया जाता रहा है।

child labor | Definition, History, & Facts | Britannica

क्यों पड़ी आवश्यकता?

दुनियाभर में इस वक्त ऐसे कई बच्चे हैं, जो बाल श्रम के दलदल में अपना जीवन जी रहे हैं। ऐसे में बढ़ते बाल श्रम को देखते हुए इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने वर्ल्ड चाइल्ड लेबर डे मनाने का फैसला किया।

वर्ल्ड चाइड लेबर डे थीम 2020

कोरोना वायरस ने बाल श्रम पर भी गहरा प्रभाव छोड़ा है। इसी को देखते हुए इस साल "इम्पैक्ट ऑफ क्राइसिस आन चाइड लेबर" थीम रखी गई है।

One in ten kids globally are child laborers—and that's considered ...


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static