कौन थी देवी लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी? जानिए कहां करती हैं वास
punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 02:22 PM (IST)
धन की देवी माता लक्ष्मी के बारे में तो पूरा संसार जानता है। मगर, क्या आप जानते हैं कि उनकी एक बड़ी बहन भी थी, जिसका नाम थी देवी अलक्ष्मी। माता लक्ष्मी धन की देवी है जबकि माता अलक्ष्मी उनके विपरीत गरीबी व दरिद्रता की देवी हैं। शास्त्रों में माता अलक्ष्मी को दुर्भाग्य की देवी कहा जाता है इसलिए किसी भी घर में इनकी तस्वीर नहीं लगाई जाती। चलिए आपको बताते हैं कि कौन थी देवी अलक्ष्मी और कहां करती हैं वास...
"दुर्भाग्य की देवी" माता अलक्ष्मी
हिंदू धर्म के भागवत महापुराण में देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन माता अलक्ष्मी की जिक्र किया गया है। मान्यता है कि जहां देवी अलक्ष्मी वास करती हैं, वहां अशुभ घटनाएं, पाप, आलस, गरीबी, दुख और बीमारियां रहती हैं इसलिए इन्हें "दुर्भाग्य की देवी" भी माना जाता है।
कैसे हुआ माता अलक्ष्मी का जन्म?
भागवत महापुराण के अनुसार, समुद्र मंथन में 14 रत्न के साथ देवी अलक्ष्मी भी बाहर निकली थी। समुद्र से निकलने के बाद देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को चुना जबकि माता अलक्ष्मी ने आसुरी शक्तियों की शरण ली। यही वजह है कि उन्हें 14 रत्नों में गिना नहीं जाता।
क्यों माना जाता है देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन?
मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से निकलने के कारण उन्हें देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन कहा जाता है। ऐसी भी कहानी है कि माता अलक्ष्मी समुद्र से मदिरा लेकर निकली थीं इसलिए भगवान विष्णु की अनुमति से उन्हें राक्षसों को दे दिया गया था।
महर्षि से हुआ था विवाह लेकिन नहीं किया गृह प्रवेश
ग्रंथों में लिखा गया है कि माता अलक्ष्मी की विवाह उद्दालक नाम के एक महर्षि से हुआ था। मगर, जब महर्षि उन्हें आश्रम में ले गए तो माता अलक्ष्मी ने प्रवेश करने से मना कर दिया था। जब मुनि ने कारण पूछा तो उन्होंने कहा मैं ऐसे घरों में निवास करती हूं जहां गंदगी, कलह-कलेश, अधर्म हो।
ऐसी जगहों पर डालती हैं माता अक्ष्मी डेरा
माता अलक्ष्मी ऐसे घरों में वास करती हैं, जहां गंदगी, कलह-कलेश, दरिद्रता, अधर्म, आलस्य हो। अगर देवी लक्ष्मी की पूजा अचर्ना के बाद भी घर में धन हानि, कलह-कलेश रहता है तो ऐसे घरों में माता अलक्ष्मी का प्रभाव हो सकता है।
पीपल के पेड़ पर करती हैं वास
हिंदू धर्म में पूज्यनीय होने के बावजूद भी पीपल के पेड़ को घर में लगाना अशुभ माना जाता है क्योंकि दिन के एक पहर इस पर माता अलक्ष्मी वास करती है। ग्रंथों के अनुसार, पीपल के पेड़ पर देवी लक्ष्मी दिन तो माता अलक्ष्मी रात के समय रहती हैं। यही वजह है कि रात के समय पीपल के पास जाने की मनाही होती है।
नींबू-मिर्च से गहरा कनैक्शन
मान्यताओं के अनुसार, माता अलक्ष्मी को तीखी व खट्टी चीजें पसंद हैं इसलिए घर-दुकान के बाहर नींबू-मिर्ची टांगे जाते हैं, ताकि वो घर के बाहर से चली जाए।
माता अलक्ष्मी को दूर रखने के लिए करें ये उपाय
. अगर घर में पीपल का पेड़ उग आए तो उसे तोड़ने या जलाने की बजाए पूरे विधि विधान से दूसरी जगह पर लगाएं। पहले 45 दिन तक उसकी पूजा-अर्चना करें, कच्चा दूध चढ़ाएं और फिर इसे जड़ सहित निकालकर किसी दूसरे स्थान पर लगा दें।
. घर या ऑफिस में देवी लक्ष्मी की खंडित मूर्ति ना रखें। साथ ही ऐसी तस्वीर भी ना रखें, जिसमें वह उल्लू पर बैठी हो।
. देवी लक्ष्मी की खड़ी हुई मूर्ति भी घर में नहीं लगानी चाहिए। घर या ऑफिस में देवी लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति लगाएं, जिसमें वह कमल के फूल पर बैठी व धन बरसा रही हो।
. घर में हमेशा साफ-सफाई रखें और परिवार में एकता बनाकर रखें। जहां साफ-सफाई व खुशहाली होती है, वहां देवी लक्ष्मी वास करती हैं।