Surya Grahan: 500 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग, जानें क्या करें और क्या नहीं

punjabkesari.in Friday, Jun 19, 2020 - 05:10 PM (IST)

रविवार, 21 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो कुंडलाकार या वलयाकार होगा। धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो पिछले 500 सालों में नहीं बना। इस दौरान सूर्य ग्रहण आकाश में "आग की अंगूठी" का निर्माण करेगा, जो देखने में काफी अद्धभुत लगेगा। धार्मिक मान्यतों के अनुसार, 

ग्रहण का समय

21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2020) वलयाकार होगा. वलयाकार उस स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को नही ढक पाएगा। ग्रहण की शुरुआत सुबह 10:20 बजे और समाप्ति दोपहर 01:49 बजे तक होगी। सूर्य ग्रहण का मध्‍य काल दोपहर 12.18 बजे होगा। मगर, इसका सूतक का 20 जून शनिवार रात 10:27 से शुरू और रविवार शाम 4 बजे समाप्त (ज्योतिष ग्रहण पहले व बाद के 12 घंटे को सूतक काल मानते हैं) होगा।

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ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं...

खान-पीने से परहेज

पारंपरिक मान्यताओं के मुताबिक, ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए और ना ही खाना पकाना चाहिए। दरअसल, ग्रहण से निकलने वाली हानिकारक किरणें खाने को दूषित कर देती है, जिसे खाने से सेहत को नुकसान होता है।

12 घंंटे पहले करें भोजन

ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण से 12 घंटे पहले से लेकर खत्म होने के 12 घंटे बाद तक सूतक रहता है। ऐसे में ग्रहण से 12 घंटे पहले ही भोजन कर लें। हालांकि, छोटे बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं व बीमार लोग 4 घंटे पहले तक खा सकते हैं।

खाने पर रखें तुलसी के पत्ते

अगर घर में खाना पका है तो सभी चीजों मे तुलसी के पत्ते डाल दें और ग्रहण खत्म होने के बाद उसे निकाल दें। इससे खाना शुद्ध रहेगा और उसे फैंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

पानी भी बदलें

ग्रहण के बाद मुमकिन हो तो घर में मौजूद पानी भी बदल लें। कहा जाता है कि ग्रहण के बाद पानी दूषित हो जाता है।

गंगा जल का छिड़काव

ग्रहण खत्म होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव जरूर करें। इससे घर की नकारात्मकता दूर हो जाएगी।

ग्रहण के समय क्या करें?

ग्रहण के समय भगवत भजन- कीर्तन, इष्ट मंत्र, गुरु मंत्र, आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्य देवता के मंत्र, का जाप करना चाहिए। ग्रहण के बाद सोना या चांदी का प्रतिबिंब बनवा कर दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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बाहर ना जाएं

इस दौरान लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर जरूरत पड़ने पर बाहर जाना पड़ रहा है तो सुनसान जगहों पर जानें से बचें।

ग्रहण में करें इन मंत्रों का जाप

ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें। आप गुरु मंत्र, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी का पाठ भी कर सकते हैं। ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

नंगी आंखों से ना देंखें ग्रहण

सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। इससे आंखें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। आप चाहें तो सोलर फिल्टर चश्मे या फिर टेलीस्कोप की मदद से ग्रहण को देख सकते हैं।

इन बातों का भी रखें ध्यान...

. सूतक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते।
. ग्रहण के समय तेल लगाना, जल पीना, केश बनाना, संभोग करना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़ना, ताला खोलना आदि वर्जित हैं।
. ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहि। माना जाता है इससे व्यक्ति रोगी होता है।
. ग्रहण के दिन पत्ते, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए।
. अगर आपके घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसके कपाट बंद कर दें या फिर मंदिर को पर्दे से ढक दें।
. तेल मालिश नहीं करना चाहिए।
. ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिए। घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए।


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Content Writer

Anjali Rajput

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