World Earth Day: जानें किसने की इसकी शुरुआत और क्या है ग्लोबल वार्मिंग के कारण
punjabkesari.in Sunday, Apr 22, 2018 - 01:07 PM (IST)
पर्यावरण के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग एक मुख्य मुद्दा बन गया है। ऐसे बहुत से काम हैं जिनसे हम पृथ्वी को नुकसान पहुंचा रहे हैं और धीरे-धीरे इस पृथ्वी की प्राकृतिक संपदाओं और पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं। विश्व पृथ्वी दिवस को लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। आज हम आपको बताएंगे विश्व पृथ्वी दिवस को किन कारणों से मनाया जाता है और आप इसे किस तरह नष्ट कर रहे हैं।
किसने की 'वर्ल्ड अर्थ डे' की शुरूआत?
हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस यानि वर्ल्ड अर्थ डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जागरूक करके पर्यावरण को बचाया जा सकें। 22 अप्रैल 1970 में पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया था, जिसकी शुरूआत अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। कैलिफोर्निया 1969 में तेल रिसाव की भारी बर्बादी को देखने के बाद वे इतने आहत हुए कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर इसकी शुरुआत करने का फैसला किया। 1970 से 1990 तक यह पूरे विश्व में फैल गया और 1990 से इसे अंतरराष्ट्रीय दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
इसलिए चुना 22 अप्रैल का दिन
सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने विश्व पृथ्वी दिवस मनाने के लिए 19-25 अप्रैल को इसलिए चुना ताकि लोग इसमें ज्यादा से ज्यादा हिस्सा ले सकें। क्योंकि यह समय न तो परीक्षा और न ही धार्मिक छुट्टियां का समय होता है। इससे आम लोगों के साथ-साथ कॉलेज और स्कूल के छात्र भी इसमें खुल कर हिस्सा ले सकते हैं।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण
-ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। आज के समय में हर जगह, हर क्षेत्र में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है, जोकि ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण है।
-औद्योगीकरण के कारण भी कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन पिछले 15 सालों में कई गुना बढ़ गया है।
-आपकी रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे फ्रिज, कंप्यूटर, स्कूटर, कार आदि भी ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। इनसे भी ऐसी गैसे निकलती है, जोकि ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने का काम कर रही है।
-हर साल विश्व में करीब 10 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा है, जोकि लगातार बढ़ता जा रहा है।
- ग्रीन हाउस गैसें भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं। इनमें नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन शामिल हैं।
- मौसम चक्र में हो रहे लगातार बदलाव से पर्यावरण पर लगातार खतरा मंडरा रहा है । पूरे विश्व में गर्मियां लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटी, जोकि पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा है।