Positive Effect: थमे पहिए तो साफ हुई हवा, सहारनपुर से दिखीं बर्फीली चोटियां
punjabkesari.in Thursday, Apr 30, 2020 - 04:25 PM (IST)
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया है। लॉकडाउन की वजह से जहां आवाजाही की साधन, कारखानों पर ताला लग गया है वहीं प्राकृतिक ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। दरअसल, लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण इतना कम हो गया है कि आए दिन कुदरत के करिश्में देखने को मिल रहे हैं।
हाल ही में प्रदूषण कम होने की वजह से यूपी के सहारनपुर से हिमालय की बर्फीली पहाड़ियां नजर आने लगी। जी हां, सहारनपुर से हिमालय की धौलाधार रेंज साफ नजर आने की पुष्टि खुद आईएफएस अधिकारी प्रवीन कासवान व रमेश पांडे ने ट्विटर के जरिए की।
सोशल मीडिया पर यह तस्वीरें खूब वायरल हो रही है। रमेश पांडे ने कैप्शन में लिखा, 'हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियां अब सहारनपुर से भी दिखने लगी हैं। इस लॉकडाउन ने हवा की गुणवत्ता को पहले से बेहतर कर दिया है।'
Snow capped peaks of Himalaya are now visible from Saharnpur !
— Ramesh Pandey IFS (@rameshpandeyifs) April 29, 2020
Lockdown and intermittent rains have significantly improved the AQI. These pictures were taken by Dushyant, an Income Tax inspector, from his house at Vasant Vihar colony on Monday evening. #lockdowneffect #nature pic.twitter.com/1vFfJqr05J
वहीं आईएफएस अधिकारी प्रवीण ने अपने ट्वीट में लिखा, 'ऐसा बहुत मुश्किल से देखने को मिलता है जब आपको सहारनपुर से बर्फीली चोटियां नजर आने लगे।'
When you can see snow peaks from Saharanpur. They say it is rare to see these peaks which are 150-200 km far. I hope now people will appreciate what they were missing earlier. PC Ashutosh Mishra. pic.twitter.com/1jeGlK7LZx
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) April 29, 2020
बता दें कि सहारनपुर से हिमालय के इन चोटियों की दूरी 150-200 किलोमीटर है। रविवार शाम को बारिश के बाद यह नजारा दिखा जिसे देख लोग हैरान रह गए। प्रदूषण के चलते देहरादून-मसूरी की पहाड़ियां भी कभी-कभार दिखाई दे पाती थीं लेकिन आज अपर हिमालयन रेंज की पर्वत श्रृंखलाएं सहारनपुर से दिख रही हैं।
हवाओं को साफ व प्रदूषण मुक्त बनाने का जो .कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया है। लॉकडाउन की वजह से जहां आवाजाही की साधन, कारखानों पर ताला लग गया है वहीं प्राकृतिक ने अपने दरवाजे..काम पूरी सरकारी मशीनरी न कर पाई हो, उसे लॉकडाउन ने कर दिखाया हैं।