जेआरडी टाटा को पिता, भाई व ग्रेटेस्ट मेंटर मानते हैं रतन टाटा
punjabkesari.in Wednesday, Apr 15, 2020 - 02:09 PM (IST)

टाटा रतन एक फेमस बिजनेसमैन होने के साथ प्रसिद्ध परोपकारी व्यक्ति भी हैं। 82 वर्षीय रतन टाटा ने हाल ही में कोरोना की जंग में दिए योगदान से हर किसी का दिल जीत लिया। कम लोग ही जानते हैं कि नवल टाटा रतनजी टाटा और नवजबाई टाटा के गोद लिए हुए बेटे थे।
वह लगभग 10 साल के थे जब उनके माता-पिता का तलाक हो गया। उन्हें व उनके छोटे भाई, नोएल टाटा को उनकी दादी नवजबाई ने पालन-पोशण किया। बता दें कि उन्होंने जेआरडी (Jehangir Ratanji Dadabhoy Tata) के बाद टाटा समूह के चेयरमैन के रूप में पद संभाला था, जिसके बाद उन्होंने काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने खुद को बेहतर तरीके से साबित किया।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वो जेआरडी टाटा को अपना पिता, भाई और महान मेंटर मानते थे। उन्होंने बताया, "वो अपने मेंटर (गुरु) जेआरडी टाटा का पद लेने से इंकार कर दिया था। मैं भाग्यशाली हूं कि वह मेरे गुरु थे। वह मेरे लिए पिता और भाई की तरह थे और इससे ज्यादा मैं उनके बारे में कुछ नहीं कह सकता।"
टाटा मोटर्स में काम करना लगता था समय की बर्बादी
उन्होंने बताया, "जब मैं अपनी दादी के साथ समय बिताने के लिए भारत आया तो जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में इंटर्नशिप शुरू की। शुरुआत में मुझे ये समय की बर्बादी लगती थी क्योंकि मुझे कई सारे डिपार्टमेंट में भेजा जाता था लेकिन किसी ने भी मुझे यह नहीं बताया था कि मुझे क्या करना है! मुझे एक परिवार के सदस्य के रूप में देखा जा रहा था, इसलिए किसी ने मुझे कुछ नहीं कहा लेकिन मैं 6 महीने तक खुद को कंपनी के लिए बेहतर बनाने की कोशिश करता रहा।"
वह भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से भी सम्मानित हो चुके हैं। यही नहीं, रतन टाटा 2007 में F-16 फाल्कन उड़ाने वाले पहले भारतीय थे। 1959 में, उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर में डिग्री भी प्राप्त की।