कोरोना योद्धाः मिलिए स्वाति रावल, जिनकी पीएम मोदी ने भी की तारीफ
punjabkesari.in Wednesday, Mar 25, 2020 - 01:55 PM (IST)
देश के हजारों कोरोना योद्धा हैं जो अपनी जान जोखिम में डाल कर इनकी सेवा में जुटे हुए हैं। कोरोना वायरस के कारण जहां लोग सर्दी-खांसी के मरीज से भी दूर भाग रहे हैं वहीं स्वाति रावल एक मिसाल बनकर सामने आई है। यहीं नहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर स्वाति की तारीफ की। चलिए कौन है स्वाति रातव और उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में क्या जस्बा दिखाया ?
इसलिए पीएम मोदी ने की तारीफ
दरसअल, कोरोना योद्धाओं को सम्मान देने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन हम सभी ने अपने घरों से बाहर निकलकर तालियां, थालियां और शंखनाद बजाया। पीएम मोदी ने भी जनता कर्फ्यू के बाद कोरोना योद्धाओं जज्बे की प्रशंसा की, जिसमें से स्वाति रावल भी एक थी।
विदेश में फंसे नागरिकों को लाई वापिस
कोरोना वायरस दुनियाभर के 198 देशों में फैल चुका है। जहां इस वक्त कोरोना के डर से लोग घर से बाहर भी नहीं निकल पा रहे वहीं इस बीच ऐसे देश में जाना जहां कोरोना से सबसे अधिक लोग प्रभावि हो, इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। मगर, स्वाति की पूरी टीम ऐसी कंट्री में जाने को तैयार हो गई जहां कोरोना महामारी फैली हुई है। पायलट स्वाति रावल की टीम के साथ ऐसी कंट्री में गई भी और वहां से फंसे भारतीयों को वापिस भी लेकर आईं।
5 साल के बच्चे की मां भी हैं स्वाति
स्वाति जो स्वयं 5 साल की बच्ची की मां है, एयर इंडिया की 777 की कमांडर हैं। स्वाति उस टीम की कैप्टन थी, जो इटली की राजधानी में फंसे 265 भारतीयों को बचाने के लिए गई हुई थीं। इटली से 263 भारतीय छात्रों को लेकर एयर इंडिया का विशेष विमान भारत पहुंचा। एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग व इमिग्रेशन के बाद सभी छात्रों को आईटीबीपी छावला कैंप में क्वारेंटाइन फैसिलिटी में भेजा गया।
पीएम मोदी ने कही ये बात
पीएम मोदी नरेन्द्र मोदी ने विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने की एयर इंडिया की तारीफ करते हुए कहा, मुझे टीम पर गर्व है, जिहोंने धैर्य रखते हुए मानवता का परिचय दिया। उनके इस असाधारण कोशिश की प्रशंसा की जा रही हैं।
स्वाति की ये ख्वाहिश रह गई अधूरी
बता दें कि इससे पहले भी स्वाति रावल काफी सुर्खियां बटौर चुकी हैं। दरअसल, साल 2010 में वह एयर इंडिया की सभी महिला क्रू का हिस्सा थी और उसी दौरान उन्होंने न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरी थी। 15 सालों से उड़ान भर रही स्वाति बचपन से ही एक फाइटर प्लेन उड़ाना चाहती थी लेकिन वो फाइटर प्लेन पायलट नहीं बन पाई। इसके बादउन्होंने एयर इंडिया ज्वॉइन कर लिया।
दरअसल, उस समय लड़कियों को फाइटर प्लेन उड़ाने की इजाजत नहीं जाती थी, जिसकी वजह से उन्हें फाइटर प्लेन नहीं उड़ाने दिया। स्वाति कहती हैं कि उनके परिवार ने भी एयर इंडिया ज्वॉइन करने में उनका पूरा समर्थन किया। स्वाति कहती है कि हम किसी भी तरह देश की सेवा कर पाए ये मेरे लिए सौभाग्य हैं।