बच्चे नहीं, भारतीय महिलाओं के तनाव का कारण है पति, जानिए क्या है वजह

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2019 - 12:58 PM (IST)

वर्किंगवुमेन से लेकर हाउस वाइफ तक स्‍ट्रेस से परेशान है। जहां शादी से पहले काम की टेंशन होती है वहीं शादी के बाद घर की जिम्मेदारियों की और जब बच्चे हो जाए तो तनाव और भी ज्यादा बढ़ जाता है। हाल ही में हुई स्‍टडी में भी ये बात सामने आई है कि महिलाओं को घर की वजह से बहुत तनाव होता है लेकिन इसका कारण कोई नहीं बल्कि पति है। जी हां, हाल ही में हुए शोध के अनुसार, मैरिड वुमन्स के तनाव का असरी कारण पति होता है।

 

बच्चे नहीं, पति देता है ज्यादा टेंशन

स्टडी के अनुसार, भारतीय महिलाओं को उनके पति ज्यादा तनाव देते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि बीवियों की टेंशन की वजह पति का धोखेबाज या दुर्व्यवहार नहीं बल्कि उनका परिवार की ओर अपनी जिम्मेदारियों को ना निभाना है।

PunjabKesari

महिलाओं ने किया खुलाया

इस सर्वे में शामिल 7 हजार महिलाओं से घरेलू परेशानियों से जुड़े सवालों कुछ सवाल किए गए, जिसमें से एक सवाल यह था कि उन्हें किन बातों को लेकर सबसे ज्यादा टेंशन होती हैं और कौन-सा सदस्य इसका जिम्मेदार है। इसपर जवाब देते हुए 46% महिलाओं ने कहा कि बच्चों और परिवार के बाकी सदस्यों की तुलना में पति के कारण उन्हें ज्यादातर तनावग्रस्त स्थिति का सामना करना पड़ता है।वहीं ज्यादातर महिलाओं ने कहा उनके पति 7 साल के बच्चों की तरह जिद्द करते हैं।

नहीं समझते जिम्मेदारी

अक्सर देखा जाता है कि पति घर की जिम्मेदारियों को समझने के बावजूद भी उससे मुंह मोड़ लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सिर्फ पैसे देना ही काफी है जबकि ऐसा नहीं है। पुरूषों को चाहिए कि वह महिलाओं के साथ बच्चे की परवरिश और अन्य काम जैसे पेरेंट्स का चेकअप, घर की ग्रासरी आदि की शॉपिंग में भी हाथ बटाएं। हालांकि वो ऐसा नहीं करते।

बच्चों जैसा करते हैं व्यवहार

महिलाओं का कहना है कि उनके पति 30-35 साल की उम्र के बाद भी छोटे बच्चे की तरह पेश आते हैं। बच्चों की तरह बर्ताव और जिद्द उनके लिए परेशानी का कारण बन जाता है।

PunjabKesari

महिलाएं अकेली संभालती हैं परिवार

जब पति अपनी जिम्मेदारियों से मुंह छिपाने लग जाते हैं तो परिवार का पूरा भार महिला पर आ जाता है। वह अपना पूरा वक्त घर के काम और लोगों को संभालने में निकाल देते हैं, जो उनके तनाव का कारण बन जाता है।

पैरेंटिंग में भी नहीं मिलता साथ

4-5 % महिलाओं का कहना है कि बच्चे की परवरिश में भी उन्हें पति का साथ नहीं मिलता। बच्चों की परवरिश और घर की जिम्मेदारियों के चलते वह खुद पर भी ध्यान नहीं दे पाती। उनका दुख तब और भी बढ़ जाती है जब परिवार की ओर से उन्हें इसका श्रेय भी नहीं दिया जाता।

सास की नोंक-झोंक भी वजह

शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां सास-बहू की नोक-झोंक ना देखने को ना मिले। यही कारण है कि 10 में से 8.5%  महिलाएं सास द्वारा दिए गए तनाव का शिकार हो जाती हैं। सास के ताने और बेरूखी के कारण महिलाएं अकेलापन महसूस करने लगती हैं, जो उनके लिए मानसिक तनाव का कारण बन जाता है।

PunjabKesari

अगर आप भी इस तरह के तनाव से जूझ रही हैं तो इस बारे में अपने परिवार से खुलकर बात करें। पति को जिम्मेदारियां बांटने के लिए कहें। बच्चों की परवरिश के लिए परिवार के सदस्यों की हेल्प लें। एक दूसरे के प्रति केयरिंग व साथ से इस समस्या से बचा जा सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static