विज्ञान का नया कमाल ! पहली बार सूअर के अंदर विकसित की मानव किडनी
punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2023 - 06:03 PM (IST)
सूअर की किडनी इंसान के शरीर में लगाने के बाद अब वैज्ञानिकों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे लोग चमत्कार से कम नहीं समझ रहे हैं। पहली बार सूअरों में मानव किडनी विकसित करने में सफलता पाई गई है। हांलाकि ये बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे पूरा करके इतिहास रच दिया। इससे पहले अमेरिका में डॉक्टरों ने सुअर की किडनी को इंसान में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया था।

‘सेल स्टेम सेल’ नामक पत्रिका ने इस शोध के बारे में जानकारी सांझा की है। इस खोज का श्रेय चीन के गुआंगज़ौ इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिसिन एंड हेल्थ के वैज्ञानिकों को जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि मानव स्टेम कोशिकाओं को सूअर के भ्रूण के साथ एकीकृत करना चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है, क्योंकि उनकी कोशिकाएं मानव कोशिकाओं से प्रतिस्पर्धा करती हैं। यह पहली बार है कि वैज्ञानिक किसी अन्य प्रजाति के अंदर एक ठोस मानवीकृत अंग विकसित करने में सक्षम हुए हैं।

ये खोज आने वाले दिनों में अंग दान की कमी को पूरा कर सकती है। इस प्रयोग में जब सरोगेट सुअर माताओं में स्थानांतरित किया गया, तो 28 दिनों के बाद विकासशील मानवकृत किडनी की संरचना और नलिका का गठन सामान्य हो गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोशिकाओं की अलग-अलग जरूरतें होती हैं। इसलिए शोधकर्ताओं ने सबसे पहले सूअर के भ्रूण के भीतर जेनेटिकल बदलाव किया ताकि वह प्रतिस्पर्धा न करे। साथ ही मानव प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं में बदलाव किया गया।

वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि इन किडनियों का प्रयोग मानव में ट्रांसप्लांट के लिए नहीं किया जा सकता है। बता दें कि इससे पहले सूअरों में मानव अंगों को विकसित करने के कई प्रयास असफल रहे थे। किडनी की विकास के दौरान सूअर की कोशिकाएं मानव कोशिकाओं को नष्ट कर देती थीं, जिसके वजह से परिणामी उत्पाद (किडनी) केवल सूअर के ही होते थे। इससे पहले न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के सर्जनों ने बुधवार को बताया कि किसी मृत व्यक्ति के शरीर में सुअर की किडनी का सबसे लंबे समय तक काम करने का रिकॉर्ड बनाया था

