यहां सुहागरात के समय कमरे के बाहर बैठती है पूरी पंचायत, जानिए कारण

punjabkesari.in Thursday, Feb 01, 2018 - 03:41 PM (IST)

शादी-ब्याह,जन्म-मरण आदि से जुड़ी दुनिया भर में अलग-अलग परंपराएं निभाई जाती हैं। आजकल वैसे तो जमाना बहुत मॉडर्न हो गया है लेकिन कुछ कबिले या संप्रदाय आज भी ऐसे हैं, जहां पर बरसों पुराने रीति-रिवाज आज भी पहले की ही तरह निभाए जाते हैं। जिनके बारे में जानकर कई बार हम लोग भी हैरान रह जाते हैं। आज हम जिस रिवाज की बात कर रहे हैं उसमें शादी के बाद यानि सुहागरात को लड़की-लड़की के कमरे के बाहर सारा गांव इकट्ठा होकर बैठ जाता है। आइए जानें क्या है इसके पीछे की वजह। 

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शादी के बाद लड़का-लड़की को एक साथ समय बिताने के लिए अकेले छोड़ दिया जाता हैं ताकि वह एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ सकें। वहीं कुछ लोग तो शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए भी चले जाते हैं। इसी बीच हमारे देश में कंजरभाट नाम का एक समुदाय भी है, जहां पर लोग नव विवाहित जोड़ी को अकेला छोड़ने की बजाए पूरा गांव उनके कमरे के बाहर खड़ा रहता है। इन लोगों के अनुसार ऐसा लड़की के कौमार्य का निरिक्षण करने के लिए ऐसा किया जाता है। लड़की इस समय अगर वर्जिन साबित हो जाती है तो उसे बहू स्वीकार कर लिया जाता है वरना उसके साथ जानवरों से भी खराब व्यवहार किया जाता है। 


 
ये लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में बसे हुए हैं। पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी आज के जमाने में भी यह समुदाय इस अजीब परंपरा को निभा रहा है। ये लोग शादी के बाद लड़का-लड़की के लिए एक कमरा बुक करवा देते हैं, इसके साथ ही उन्हें संबंध बनाने के लिए सफेद रंग की चादर दी जाती है। समुदाय का मुखिया इस दौरान कमरे के बाहर ही रहता है। लड़की को इस समय गहने उतारने की सलाह दी जाती हैं ताकि चादर पर गहनों के कारण आई खरोंच के कारण किसी तरह का कोई दाग न लग जाए। दूल्हा कमरे के बाहर खड़ी पंचायत और मुखिया को चादर सौंप देता है। अगर इस पर खून के दाग लगे हो तो लड़की का कौमार्य साबित हो जाता है। ऐसा न होने पर लड़की को पीटा जाता है, उसे चरित्रहीन समझ कर जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है। चौेकाने वाली बात यह है कि इस समुदाय में लड़को को सही साबित करने के लिए किसी भी तरह का कोई टेस्ट नहीं देना पड़ता। यह परंपरा सिर्फ लड़कियों के लिए ही है। 
 


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