किशोरावस्था में वजन बढ़ने के पीछे का क्या है कारण? जानें चौंकाने वाला सच

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 07:16 PM (IST)

नारी डेस्क : बढ़ती उम्र में हर बच्चे के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इस समय शरीर में कई शारीरिक, हार्मोनल और मानसिक बदलाव होते हैं। कई माता-पिता और किशोर देखते हैं कि इस उम्र में वजन तेजी से बढ़ने लगता है। लेकिन क्या यह सामान्य है? और इसके पीछे कारण क्या हैं? आइए विस्तार से समझते हैं।

हार्मोनल बदलाव

बढ़ती उम्र के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। लड़कियों में एस्ट्रोजन बढ़ने से शरीर में चर्बी जमा होने लगती है, खासकर कूल्हों, जांघों और छाती के आसपास। वहीं लड़कों में टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद करता है, लेकिन शुरुआती समय में थोड़ी चर्बी भी बढ़ सकती है। ये सभी बदलाव शरीर को वयस्क बनने के लिए तैयार करते हैं, इसलिए इस उम्र में वजन बढ़ना एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया है।

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हड्डियों और मांसपेशियों का विकास

यौवन के दौरान बच्चों और किशोरों की हड्डियां लंबी और मजबूत होने लगती हैं और मांसपेशियां तेजी से विकसित होती हैं। हड्डियों और मांसपेशियों के इस विकास के कारण शरीर का कुल वजन स्वाभाविक रूप से बढ़ता है, लेकिन यह हमेशा चर्बी का परिणाम नहीं होता। वास्तव में, यह बढ़ा हुआ वजन शरीर के स्वस्थ विकास और वयस्क रूप में बदलने की प्रक्रिया का संकेत है। इसलिए इस उम्र में वजन बढ़ना अक्सर सामान्य होता है और इसे चिंता का कारण नहीं मानना चाहिए।

मेटाबॉलिज्म में बदलाव

बढ़ती उम्र के दौरान मेटाबॉलिज्म, यानी शरीर के ऊर्जा खर्च करने का तरीका बदल सकता है। कुछ बच्चों का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे उन्हें पहले से ज्यादा आसानी से वजन बढ़ने लगता है। अगर इस समय शारीरिक गतिविधि कम हो जाए तो वजन और तेजी से बढ़ सकता है।

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भोजन की आदतें

किशोरावस्था में भूख बढ़ना बिल्कुल सामान्य है क्योंकि इस समय शरीर तेज़ी से बढ़ रहा होता है और उसे अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। हालांकि, अगर बच्चे जंक फूड, मीठे पेय या ज्यादा कैलोरी वाला खाना लगातार खाते हैं, तो शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने लगती है और वजन तेजी से बढ़ सकता है। इसके अलावा, सही समय पर और संतुलित मात्रा में भोजन न करना भी वजन बढ़ने के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए इस उम्र में स्वस्थ और संतुलित भोजन की आदतें विकसित करना बहुत जरूरी है, ताकि शरीर का विकास सही तरीके से हो और वजन नियंत्रित रहे।

जीवनशैली और स्क्रीन टाइम

आजकल बच्चे और किशोर अधिकतर समय मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर पर बिताते हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधि बहुत कम हो जाती है। बाहर खेलने, एक्सरसाइज करने और किसी खेल में हिस्सा लेने की आदत कम होने से शरीर में कैलोरी जलना कम हो जाता है और वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। लगातार बैठकर रहने और स्क्रीन टाइम बढ़ने से नींद पर भी असर पड़ता है, जो हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है और वजन बढ़ाने में योगदान करता है। इसलिए इस उम्र में संतुलित जीवनशैली और नियमित शारीरिक गतिविधि बहुत जरूरी है।

मानसिक कारण और तनाव

यौवन के दौरान बच्चे कई भावनात्मक बदलावों से गुजरते हैं, जैसे मूड स्विंग्स, उदासी या तनाव। ऐसे समय में कुछ बच्चे अपनी भावनाओं को संभालने के लिए ज्यादा खाने लगते हैं, जिसे emotional eating कहते हैं। इसके अलावा नींद की कमी भी हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करती है, जिससे भूख नियंत्रित नहीं रहती और वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य और पर्याप्त नींद पर ध्यान देना भी यौवन में वजन को संतुलित रखने के लिए बहुत जरूरी है।

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आनुवंशिक कारण और सामान्य सलाह

बढ़ती उम्र के साथ-साथ वजन बढ़ने में आनुवंशिक कारण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर परिवार में माता-पिता का वजन ज्यादा है, तो बच्चे में भी इस उम्र में वजन तेजी से बढ़ने की संभावना रहती है। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि वजन बढ़ना हमेशा बुरा हो; यौवन के दौरान थोड़ा वजन बढ़ना सामान्य और स्वस्थ विकास का हिस्सा है। लेकिन यदि वजन बहुत तेजी से बढ़ रहा हो और इसके साथ बच्चे को थकान, सांस फूलना या, लड़कियों में पीरियड्स में गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो रही हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। सही खानपान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद से बच्चे को स्वस्थ और संतुलित वजन बनाए रखना संभव है।

बच्चों को हेल्दी रखने के टिप्स

बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले उन्हें संतुलित आहार देना बहुत जरूरी है, जिसमें फल, सब्जियां, प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल हों। इसके साथ ही उन्हें रोजाना कम से कम एक घंटे शारीरिक गतिविधि के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जैसे बाहर खेलना या एक्सरसाइज करना। बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित रखें और सुनिश्चित करें कि उन्हें पर्याप्त नींद मिले, लगभग 8–10 घंटे। साथ ही, बच्चों को भावनात्मक सपोर्ट देना भी जरूरी है ताकि वे तनाव में ज्यादा न खाएं और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहें।

बढ़ती उम्र के दौरान वजन बढ़ना सामान्य और शरीर के विकास का हिस्सा है। अगर यह नियंत्रित तरीके से हो रहा है तो चिंता की बात नहीं है। सही खानपान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद से बच्चे को स्वस्थ और फिट रखा जा सकता है। 


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Content Editor

Monika

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