350 कमरे वाले Rashtrapati Bhavan को बनाने में लगे थे 17 साल, तस्वीरों में देखें इसकी खूबसूरती

punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 04:06 PM (IST)

नारी डेस्क: Rashtrapati Bhavan  भारत के राष्ट्रपति का सरकारी आवास, एक भव्य और ऐतिहासिक इमारत है जो नई दिल्ली के रायसीना हिल्स पर स्थित है। यह न सिर्फ भारत की लोकतांत्रिक ताकत का प्रतीक है, बल्कि वास्तुकला की दृष्टि से भी एक अद्वितीय रचना है, जिसमें भारतीय और यूरोपीय शैलियों का सुंदर समन्वय दिखाई देता है।

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17 साल लगे थे इसे  बनाने में

राष्ट्रपति भवन, जिसे राष्ट्रपति महल के रूप में भी जाना जाता है , क्विरिनल पैलेस , रोम, इटली के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है। ब्रिटिश शासन में इसे "वायसराय हाउस" कहा जाता था। इसे पूरा होने में 17 साल लगे थे। इसका निर्माण 1912 में शुरू हुआ और 1929 में पूरा हुआ, इसके निर्माण में लगभग 29,000 लोगों ने काम किया था। यह भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है। 


यहां हैं 350 कमरे  

राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन में कुल 350 कमरे हैं। यहां 18 सीढ़ियां और 74 बरामदे बने हैं। इस बिल्डिंग में 227 पिलर्स, 14 लिफ्ट और 37 फाउंटेन हैं। इस भवन की चार मंजिलें और लगभग 2.5 किलोमीटर लंबे गलियारे (corridors) हैं। राष्ट्रपति भवन का कुल क्षेत्रफल लगभग 2 लाख वर्ग फीट से भी अधिक है।

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वास्तुकला की विशेषताएं

राष्ट्रपति भवन भारतीय और पश्चिमी स्थापत्य शैलियों का मिलाजुला रूप है। भवन का केंद्रीय गुंबद मूलतः रोमन वास्तुकला से प्रेरित है, जो कि भारतीय शैली केसांची स्तूप की याद दिलाता है।  पारंपरिक भारतीय महलों और मंदिरों में पाई जाने वाली छतरियां यहां प्रमुखता से दिखाई देती हैं। पत्थर की महीन नक़्क़ाशीदार जालियां मुगल शैली का प्रभाव दर्शाती हैं। बाहरी भाग में हाथी, घंटियां, सांप आदि भारतीय प्रतीकों का उपयोग हुआ है।


मुगल गार्डन (अब 'अमृत उद्यान')

 राष्ट्रपति भवन के पीछे स्थित यह बगीचा लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसमें मुगल, अंग्रेज़ी और फारसी बागवानी की शैली मिलती है। यहां गुलाब, ट्यूलिप, डहलिया, मौसमी फूलों और औषधीय पौधों की सैकड़ों प्रजातियां हैं। आम जनता के लिए इसे हर साल फरवरी-मार्च में खोला जाता है।

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राष्ट्रपति भवन के अन्य प्रमुख भाग

दरबार हॉल: भव्य गुम्बद के नीचे स्थित यह हॉल शपथ ग्रहण जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का स्थान है।
अशोक हॉल: पूर्व में दरबार था, अब स्वागत हॉल के रूप में उपयोग होता है। इसकी छत पर फारसी पेंटिंग हैं।
प्रेसिडेंशियल म्यूजियम: भवन के एक भाग को म्यूजियम में बदला गया है जहाँ भारत के राष्ट्रपतियों, संविधान, स्वतंत्रता संग्राम आदि से जुड़ी वस्तुएं रखी गई हैं।
गार्डन और फाउंटेन: फव्वारे, वाटर चैनल्स और टेरेस गार्डन इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
 


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Content Writer

vasudha

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