5 आसान Yoga Poses, जो Irregular Periods से दिलाएंगे राहत
punjabkesari.in Thursday, Jul 01, 2021 - 09:43 AM (IST)
मासिक धर्म चक्र इस महिला की जिंदगी का खास हिस्सा है, जोकि बहुत जरूरी भी है। मगर, कई बार हार्मोन्स में गड़बड़ी, अधिक तनाव, गलत खान-पान व लाइफस्टाइल के कारण मासिक धर्म चक्र बिगड़ जाता है। वैसे तो अनियमित पीरियड्स कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन अगर लंबे समय तक यह समस्या बनी रही तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कुछ योगासन के जरिए आप अनियमित पीरियड्स की छुट्टी कर सकते हैं।
पीरियड की समस्या को हल करने में योग कैसे मदद करता है?
अनियमित पीरियड्स और भारी रक्त प्रवाह को ठीक करने और ऐंठन और दर्द को कम करने के लिए योग बेहद प्रभावी है। योग एक ऐसी सर्वोत्तम औषधि है, जो मासिक धर्म संबंधित सभी समस्याओं को दूर करने में मददगार है।
. यह प्रजनन अंगों को उत्तेजित करता है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली बेहतर होती है।
. योग तनाव को कम करता है और दिमाग व शरीर को पूरी तरह से आराम देता है।
. इससे मेटाबॉलिज्म सही रहता है, जिससे मासिक धर्म चक्र में कोई गड़बड़ी नहीं होती।
. हार्मोन को संतुलित रखने में भी योगासन बहुत मददगार है।
चलिए अब आपको बताते हैं कि अनियमित पीरियड्स से छुटकारा पाने के लिए कौन-से योगासन करें...
अधोमुख-शवासन (Adho Mukha Svanasana)
अधोमुख-शवासन अनियमित पीरियड्स और मासिक धर्म दर्द को ठीक करने में बहुत मददगार है। इस योग को करने के लिए जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं। फिर पैरों की ऊंगलियों व हाथों के पंजों को जमीन पर लगाएं और कमर को ऊपर उठाकर शरीर को धनुष आकार में मोड़े। इस दौरान धीरे-धीरे सांस लें। ध्यान रखें कि इस दिन सिर हल्का-सा जमीन की ओर झुका हो और पीठ एक लाइन में हो। कुछ देर बाद समान्य स्थिति में आ जाएं।
उष्ट्रासन (Ustrasana)
अनियमित पीरियड्स और मासिक धर्म से राहत दिलाने के साथ उष्ट्रासन वजन घटाने में भी मददगार है। इसके लिए पैरों व घुटनों के बीच 2 फुट की दूरी बनाकर बैठ जाएं और हाथों को कमर पर रखें। अब कमरे से शरीर को पीछे की ओर झुकाएं और फिर हाथों से पैरों की एड़ियों को पकड़ लें। इस स्थिति में धीरे-धीरे सांस अंदर बाहर करते हुए कुछ देर रुके और फिर समान्य हो जाए।
धनुरासन (Dhanurasana)
इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाए और घुटनों को मोड़कर हथेलियों से अपनी एड़ियों को पकड़ें। जितना हो सके पैरों व बाजू को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस स्थिति में कुछ देर रहने के बाद समान्य हो जाए। यह ना सिर्फ मासिक धर्म चक्र को सही करता है बल्कि इससे पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन, मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
मलासन या स्क्वॉट पोजिशन (Malasana)
अनियमित पीरियड्स को ठीक करने के साथ मलासन फैट बर्न करने में भी मददगार है। इसके लिए पैरों के बीच डेढ़ फीट का गैप रखकर बैठ जाए। अब हाथों को नमस्कार की मुद्रा में करके पैरों के बीच रखें। इस प्रक्रिया को कम से कम 15-20 बार दोहराएं। ध्यान रखें कि भोजन के कम से कम 3 घंटे बाद ही यह योग करें।
मत्स्यासन (Matsyasana)
मत्स्यासन से हार्मोन्स संतुलित रहते हैं , जिससे अनियमित पीरियड्स की समस्या नहीं होती। इसके लिए बैठकर धीरे-धीरे पीछे झुकते हुए पीठ के बल लेट जाएं। फिर बाएं पांव को दाएं हाथ व दाएं पांव को बाएं हाथ से पकड़ें और कोहनियों को जमीन पर टिकाएं। ध्यान रखें कि घुटने जमीन को न छुएं। अब सांस लेते हुए हाथों की मदद से सिर को पीछे गर्दन की ओर करें। अब धीरे धीरे सांस लें और छोड़े। कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद लंबा सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाए।