गर्भाशय की ये गुप्त समस्याएं बन सकती हैं, बांझपन का बड़ा कारण

punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2025 - 12:20 PM (IST)

नारी डेस्क: गर्भाशय (बच्चेदानी) से जुड़ी समस्याएं महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं, और इन समस्याओं के कारण गर्भवती होने में परेशानी हो सकती है। गर्भधारण करने के लिए एक स्वस्थ गर्भाशय का होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह भ्रूण के विकास और उसकी उचित स्थिति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि गर्भाशय में कोई समस्या होती है तो इससे महिला की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है, और यह समय रहते इलाज न होने पर इनफर्टिलिटी (असंतुलित प्रजनन क्षमता) का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं उन प्रमुख समस्याओं के बारे में जो इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं:

बच्चेदानी में गांठ होना (Uterine Fibroids)

गर्भाशय फाइब्रॉएड, यानी बच्चेदानी में गांठ, महिलाओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाली आम समस्या है। इसके कारण कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होती हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार, इस परेशानी की वजह से 2-3% महिलाओं को इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ सकता है। गर्भाशय में गांठ होने से गर्भधारण की प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है।

इलाज: फाइब्रॉएड के इलाज के लिए दवाइयां या सर्जिकल ऑपरेशन की आवश्यकता हो सकती है, जो स्थिति पर निर्भर करता है। यह समस्या समय रहते सही इलाज से नियंत्रित की जा सकती है।

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गर्भाशय में पॉलीप्स होना (Uterine Polyps)

गर्भाशय में पॉलीप्स बनना भी एक ऐसी समस्या है जो इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है। पॉलीप्स गर्भाशय की अंदरूनी परत में विकसित होते हैं और गर्भाशय की दीवारों से जुड़ने में परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं। यह खासकर तब होता है जब अंडे को निषेचन के बाद गर्भाशय में एम्बेड होना होता है। पॉलीप्स से निषेचित अंडे के लिए गर्भाशय की दीवारों से जुड़ना कठिन हो जाता है। इससे गर्भधारण में परेशानी होती है क्योंकि पॉलीप्स गर्भाशय के अंदर की जगह को ब्लॉक कर सकते हैं।

इलाज: पॉलीप्स का इलाज साधारणत: सर्जिकल तरीके से किया जाता है। इनका समय पर इलाज कराना जरूरी है, ताकि महिला को गर्भवती होने में समस्या न हो।

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगती है। यह अक्सर फैलोपियन ट्यूब्स, अंडाशय और पेल्विक अंगों में फैल सकती है। इससे महिलाओं को गर्भधारण में कठिनाई होती है, क्योंकि यह अंडाशय और अंडाणुओं को प्रभावित करता है, जिससे निषेचन की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भाशय की अंदरूनी परत सामान्य रूप से काम नहीं करती, जिससे गर्भधारण की प्रक्रिया में रुकावट आती है। यह स्थिति प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है और गर्भवती होने में समस्या उत्पन्न कर सकती है।

इलाज: एंडोमेट्रियोसिस का इलाज दवाइयों, हार्मोनल थेरेपी या सर्जिकल तरीके से किया जा सकता है। इस समस्या का समय रहते उपचार गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकता है।

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गर्भाशय के आंतरिक संक्रमण (Intrauterine Infections)

कभी-कभी गर्भाशय में संक्रमण हो सकता है, जो गर्भधारण के दौरान मुश्किलें पैदा करता है। यह संक्रमण गर्भाशय में सूजन और सूजन के कारण गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। गर्भाशय के आंतरिक संक्रमण के कारण गर्भाशय की दीवारों में सूजन आ सकती है, जिससे अंडे को निषेचन के बाद गर्भाशय में जुड़ने में कठिनाई होती है। इसके कारण गर्भधारण में रुकावट हो सकती है।

इलाज: यह संक्रमण दवाइयों द्वारा ठीक किया जा सकता है, और महिलाओं को नियमित जांच करवानी चाहिए ताकि किसी भी संक्रमण से बचा जा सके।

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गर्भाशय का आकार (Uterine Shape or Structure)

गर्भाशय का असामान्य आकार भी महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। कई महिलाओं में जन्मजात रूप से गर्भाशय का आकार सामान्य नहीं होता, जिससे गर्भधारण में कठिनाई होती है। अगर गर्भाशय का आकार या संरचना सही नहीं है, तो यह गर्भाशय में भ्रूण के विकसित होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं प्रदान कर सकता। इसका परिणाम गर्भधारण में समस्या हो सकता है।

इलाज: गर्भाशय के आकार में बदलाव के लिए सर्जिकल उपचार की आवश्यकता हो सकती है, जो स्थिति के अनुसार डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है।
 
गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। इस कारण से, महिलाओं को अपनी प्रजनन सेहत का ख्याल रखना चाहिए और किसी भी समस्या का समय रहते इलाज कराना चाहिए। यदि आपको गर्भवती होने में समस्या हो रही है तो इन समस्याओं को लेकर डॉक्टर से सलाह लें और सही उपचार प्राप्त करें।

इन समस्याओं का इलाज समय रहते कराना जरूरी है ताकि महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। अगर आपको गर्भवती होने में कोई समस्या हो रही हो, तो इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ से सलाह लें।
 
 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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