दुनियाभर में फेमस भारत के ये 5 Church, जानिए इनकी खासियत

punjabkesari.in Thursday, Dec 24, 2020 - 12:45 PM (IST)

क्रिसमस ईसाइ धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। मान्यता है कि इन दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ऐसे में लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। सभी चर्च में जाकर मोमबत्तियां जलाकर ईश्वर से बेहतर व मंगल जीवन की प्रार्थना करते हैं। ऐसे में चर्च को खासतौर पर सजाया जाता है। वैसे तो यह त्योहार विदेशों में बड़े ही शान के साथ सेलिब्रेट करते हैं। मगर अब भारत में भी लोग इसे बड़े ही चाव व खुशी से मनाते हैं। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल में विदेशों के नहीं बल्कि भारत के कुछ मशहूर गिरिजाघर यानी चर्च के बारे में बताते हैं...

सेंट फ्रांसिस चर्च (कोच्चि)

यह भारत का पहला यूरोपियन चर्च माना जाता है। यह सन 1503 में बन कर तैयार हुआ था। माना जाता है कि इसमें पुर्तगाली नाविक वास्‍को डी गामा को दफनाया गया था। पहले इस चर्च को लकड़ी से बनाया तैयार किया गया था। मगर बाद में इसे ईंटों से बनवाया गया। 

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क्राइस्ट चर्च (शिमला)

क्राइस्ट चर्च शिमला में बनी हुई है। इसका डिजाइन सन 1844 में कर्नल जेटी बोयलियो ने तैयार किया था। मगर यह सन 1857 में करीब 13 साल बाद बन कर तैयार हुआ था। इस गिरिजाघर को नियो-गोथिक स्‍टाइल में बनाया गया है। ऐसे में इसकी नक्काशी बेहद ही सुंदर है। चर्च में कीमती कांच से पांच बड़ी खिड़कियां बनाई गई हैं। साथ ही ये खिड़कियां ईसाई धर्म के विश्वास, उम्मीद, परोपकार, धैर्य, विनम्रता चिंहनों का प्रतीक मानी जाती है। हर साल देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। 

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ऑल सेंट कैथेड्रल (इलाहाबाद)

इलाहाबाद में बनी ऑल सेंट कैथेड्रल चर्च बहुत ही बड़ी है। यह शहर के दो बड़ी सड़कों की क्रोसिंग पर स्थित है। यह यूरोपीय संरचना के कारण दुनियाभर में मशहूर है। कहा जाता है कि यह इस गिरिजाघर में एक समय पर करीब 300-400 लोग प्रार्थना कर सकते हैं। इस गिरिजाघर में बनी चौड़ी सीढ़ियां और गौथिक शैली से की गई नक्काशी मध्ययुगीन युग की विशाल वास्तुकला का नजारा पेश करती है। हर साल नवंबर के महीने में चर्च की वर्षगांठ मनाई जाती है। ऐसे में यहां भारी संख्या में लोग हिस्सा लेकर प्रार्थना करते हैं। 

सेंट फिलोमेना चर्च (मैसूर)

इस चर्च को सेंट जोसेफ चर्च के नाम से मशहूर है। इसे निओ-गोथिक शैली में बनवाया गया था। गिरिजाघर के गर्भगृह में संगमरमर की वेदी पर सेंट फिलोमेना और जीजस क्राइस्ट की प्रतिमा बनी हुई है। इसके अलावा यहां पर लगी ग्लास पेंटिंग्स में भी ईसा मसीह के जन्म से लेकर पुनजर्न्म तक की सभी घटनाएं बखूबी दर्शाई गई है। इस गिरिजाघर की खासियत है कि यहां पर 54 मीटर के 2 टॉवर बने हैं, जो बिल्कुल न्यूयार्क के सेंट पैट्रिक चर्च जैसे नजर आते हैं। 

परुमाला चर्च (केरला)

परुमाला चर्च भारत के खूबसूरत शहर केरला में स्थित है। इसे महान संत ग्रेगरीय गिवरनेस को समर्पित किया गया है। माना जाता है कि इसी गिरिजाघर में उनकी कब्र बनाई गई थी। चर्च इतनी बड़ी है कि यहां पर एक समय पर तकरीबन 2,000 लोग प्रार्थना कर सकते हैं। 

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Content Writer

neetu

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