मां ने दम तोड़ दिया पर जुड़वा बेटों को खुद से जुदा नहीं किया, मलबे से मिला तीनों का शव, रुला देगा ये मंजर
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 11:48 AM (IST)

नारी डेस्क: उत्तराखंड के चमोली जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर कुंतरी लगा फाली गांव में भूस्खलन ने भयंकर तबाही मचाई। शुक्रवार को जब बचावकर्मी गांव वालों को खोजने निकले तो उन्होंने कांता देवी (38) को एक भारी वस्तु के नीचे कुचला हुआ पाया। वह अपने10-10 साल के जुड़वां बच्चों को दोनों हाथों में पकड़े हुए थीं। यह उस मां की आखिरी क्षण तक खुद को और अपनी आंखों के तारे को बचाने की बेताब लड़ाई का प्रतीक था।
एक मृत मां, दोनों हाथों में अपने दो मृत बेटों के साथ - यह दृश्य देखने वाले हर किसी के लिए हृदय विदारक था, क्योंकि रिश्तेदारों और साथी ग्रामीणों की चीखें चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर से लगभग 50 किलोमीटर दूर एक शांत पहाड़ी गांव कुंतारी लगफली में गूंज रही थीं। शुक्रवार को बरामद किए गए पांच शवों में ये तीनों भी शामिल थे। कांता देवी के पति कुंवर सिंह को गुरुवार को चमत्कारिक ढंग से ज़िंदा बचा लिया गया। बारिश से हुए भूस्खलन में उनका घर जमींदोज़ हो गया था, जिसके 16 घंटे बाद उन्हें ज़िंदा बचा लिया गया। वह बच गए हैं, लेकिन उनके पास लौटने के लिए कोई घर या परिवार नहीं है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) पिछले 32 घंटों से मलबे में दबे कुंवर सिंह के घर में जान बचाने की उम्मीद में कड़ी मशक्कत कर रहे थे। कटर मशीनों का इस्तेमाल करके कीचड़ को काटकर अंदर जाने का रास्ता बनाया गया। शुक्रवार दोपहर 1 बजे के बाद तीनों का पता चला। जैसे ही बचावकर्मियों ने दोपहर 1.30 बजे के आसपास तीनों के शव मलबे से निकाले, पूरा इलाका शोक में डूब गया। कल से राहत और बचाव शिविरों में रह रहे कुंतारी के लोग भी अपनों की तलाश में सुबह गांव लौट आए। शवों को देखकर सभी रो पड़े।
गुरुवार सुबह, कुंतारी लागा फली के ऊपर की पहाड़ी से अचानक आई बाढ़ ने गांव और आसपास के कई गांवों को तबाह कर दिया। नंदानगर से बाजबगड़ जाने वाली सड़क पर स्थित इस गांव ने नंदानगर और बाजबगड़ के बीच चार जगहों पर तबाही मचाई। नंदानगर और बाजबगड़ के बीच कई जगहों पर पहाड़ियों से निकलने वाली छोटी नदियों में बाढ़ से हुई तबाही साफ़ दिखाई दे रही है। गांव के ज़्यादातर घर तबाह हो गए हैं, जिससे गांव रहने लायक नहीं रहा।