जानिए नंगे पैर मंदिर जाने के पीछे छिपे वैज्ञानिक कारण?
punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2019 - 11:41 AM (IST)

भगवान एक ऐसी शक्ति हैं जिनके पास हमारी हर समस्या का समाधान है। सच्चे मन से की गई प्रार्थना भगवान जरुर पूरी करते हैं। देवी-देवताओं और गुरुओं के दर्शन करने से ही हमारे कई पाप और दुखों का नाश हो जाता है। आप दुनिया के किसी भी मंदिर, गुरुद्वारा साहिब या फिर मस्जिद में चले जाएं, आपको हर जगह अलग-अलग नियम देखने और सुनने को मिलेंगे। उन्हीं नियमों में से एक है नंगे पांव मंदिर जाना।
वैज्ञानिक कारण
मंदिर में नंगे पैर जाना सबसे जरुरी परंपराओं में से एक है। मंदिर में नंगे पैर प्रवेश करने के पीछे कई कारण हैं। धरती पर ऐसी बहुत सी जगहें मौजूद हैं जहां की वाइबस यानि किरणें बहुत पॉजिटिव हैं। मंदिर बनाते वक्त ज्यादातर ऐसी ही कुछ खास जगहें चुनी जाती हैं। यदि ऐसी जगह पर आप नंग पांव जातेहैं तो कई तरह की पॉजिटिव एनर्जी आपके शरीर में अपने आप प्रवेश कर जाती है। जिससे आप मानसिक और शारीरिक दोनों तर पर मजबूत बनते हैं।
धार्मिक दृष्टि
अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो जूते-चप्पल उतारकर मंदिर जाना भगवान का आदर सम्मान करना है। जिस तरह बड़ो का सत्कार हम पैर छूकर करते हैं, उसी तरह भगवान के दर्शन करते जाते वक्त जूते-चप्पल उतारकर जाना ही सही बात है।
भौतिक सुख
व्यक्ति अपने जीवन में हर सुख चाहता है। एक भगवान ही हैं जो हमारी हर एक इच्छा की पूर्ति करने में समर्थ हैं। दुनिया के हर सुख प्रदान करने वाले भगवान के समक्ष जूते-चप्पाल पहनकर जाना गलत बात होती है।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
नंगे पैर मंदिर जाने से स्वास्थय के लिए भी बहुत लाभदायक है। नंगे पैर चलने से बॉडी का एक्यूप्रेशर सही ढंग से होता है। जिससे आपका शरीर कई तरह की बीमारियों से मुक्त हो जाता है। तभी तो आपने सुना होगा, मंदिर में भगवान दर्शन करते ही उस व्यक्ति के दुख दूर हो गए।