गर्भ में ही मिलेंगे शिशु को अच्छे संस्कार अगर प्रेग्नेंसी में पढ़ेंगी ऐसी किताबें
punjabkesari.in Friday, Jul 09, 2021 - 04:11 PM (IST)
कहते हैं किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए किताबें पढ़ना बहुत फायदेमंद माना जाता है। किताबें ना सिर्फ तनाव को दूर करती हैं बल्कि इससे महिलाओं को नींद भी अच्छी आती है। इसका असर जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत पर पड़ता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में किताबें पढ़ना क्यों फायदेमंद है और कौन-सी किताबें पढ़ी जाएं...
क्यों फायदेमंद है किताबें पढ़ना?
एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में शिशु का दिमाग विकसित हो जाता है और वह मां के जरिए बाहरी गतिविधियां महसूस करने लगता है। ऐसे में गर्भ में पल रहे शिशु मां के आसपास मौजूद वातावरण से बहुत कुछ सीखते हैं। यहां तक कि महिला के अच्छे और बुरे स्वभाव का असर भी नवजात पर भी पड़ता है।
चलिए अब आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में किताबें पढ़ने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं...
पोस्टपॉर्टम डिप्रेशन से बचाव
अच्छी किताबें पढ़ने से किसी भी तरह की एंग्जायटी, स्ट्रेस और उदासी की भावना दूर रहती हैं और इससे डिलीवरी के बाद पोस्टपॉर्टम डिप्रेशन का खतरा कम होता है।
नहीं होगा मूड़ स्विंग
प्रेगनेंसी में हार्मोन्स में बदलाव के कारण मूड़ स्विंग होना आम है। मगर, मूड़ को सही रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि सकारात्मक किताबें पढ़ना।
भ्रूण को बेहतर नींद
इसका मां और बच्चे दोनों के दिमाग पर शांतिमय प्रभाव पड़ता है और शिशु को बहुत अच्छी नींद आती है।
मन रहता है शांत
प्रेगनेंसी में अध्यात्मिक और पॉजिटिव किताबें पढ़ने की सलाह दी जाती है, ताकि आपका मन शांत रहें और आपके आसपास अच्छी वाइब्स बनी रहे।
प्रेगनेंसी में पढ़े कौन-सी किताबें
शास्त्रों में कहा गया है कि अर्जुन पुत्र अभिमन्यु ने मां के गर्भ में रहते हुए ही चक्रव्यूह भेदने की कला सीख ली थी। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान अच्छी व सही किताबों का चयन करना बहुत जरूरी है।
1. धार्मिक स्वभाव वाली महिलाएं भागवद् गीता, रामायण, भगवान गणेश के ग्रंथ आदि पढ़ सकती हैं।
2. पॉजिटिव विचारों वाली किताबें, उपन्यास, समाचार पत्र, आयुर्वेदिक गर्भ संस्कार, मैगजीन, ब्लॉग या वेबसाइट पढ़ना भी गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद रहेगा।
3. आप बच्चों की किताबें जैसे कि पंचतंत्र या एनिड ब्लाइटन भी पढ़ सकती हैं।
4. शिशु संगीत और किसी वाद्य यंत्र की आवाज, ऊं के उच्चारण पर भी प्रतिक्रिया देता है। इन तरीकों से गर्भ संस्कार करने से बहुत लाभ मिलता है।