स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा से मिलिए, वह महिला जिसने मिग-21 के साथ ऐतिहासिक उड़ान भरी
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 06:01 PM (IST)

नारी डेस्क: छह दशकों से अधिक समय तक भारतीय आकाश में उड़ान भरने के बाद, प्रसिद्ध मिग-21 विमान चंडीगढ़ में एक भव्य विदाई के साथ सेवानिवृत्त हो गया, यह वही स्थान है जहां यह पहली बार भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ था। 26 सितंबर 2025 को, MiG-21 के विदाई समारोह में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह के साथ मिलकर इस ऐतिहासिक उड़ान में भाग लिया, जो भारतीय वायुसेना के लिए एक मील का पत्थर था।
प्रिया शर्मा का परिचय
यह उड़ान MiG-21 के 62 वर्षों की सेवा के बाद उसके सेवानिवृत्त होने का प्रतीक थी। राजस्थान के झुंझुनू जिले की प्रिया ने 18 में, जब उन्होंने हैदराबाद स्थित हकीमपेट एयरफोर्स स्टेशन पर अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग शुरू की थी। वह भारतीय वायुसेना की सातवीं महिला फाइटर पायलट हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन सेना प्रमुख बिपिन रावत से स्नातक प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद उन्हें फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन दिया गया था।
पिता के नक्शेकदम पर चली पायलट प्रिया
शर्मा अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए वायु सेना में शामिल हुईं। वह अपने बैच की एकमात्र महिला लड़ाकू पायलट थीं और शुरुआत में हैदराबाद के हाकिमपेट वायु सेना स्टेशन में सेवारत रहीं, उसके बाद दूसरे और तीसरे चरण के उन्नत लड़ाकू प्रशिक्षण के लिए कर्नाटक के बीदर वायु सेना स्टेशन चली गईं। शर्मा कहती हैं कि उड़ान के प्रति उनका जुनून बचपन के उन दिनों से प्रेरित है जब वे अपने पिता की बीदर में तैनाती के दौरान आसमान में जगुआर और हॉक विमानों को उड़ते हुए देखती थीं। इसी साल अगस्त में, उन्होंने बीकानेर के नाल वायुसेना स्टेशन पर वायुसेना प्रमुख के मिग-21 विमान की विदाई उड़ान के दौरान फॉर्मेशन में उड़ान भरी और भारत के प्रतिष्ठित लड़ाकू जेट की विरासत के एक ऐतिहासिक अध्याय का हिस्सा बनीं।
महिला पायलटों की बढ़ती भागीदारी
प्रिया शर्मा की इस उपलब्धि ने भारतीय वायुसेना में महिला पायलटों की बढ़ती भागीदारी को उजागर किया है। उनकी सफलता ने न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के समान सक्षम हैं।प्रिया शर्मा की इस ऐतिहासिक उड़ान ने भारतीय वायुसेना में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूती प्रदान की है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।