पहले जानें कॉस्मेटिक सर्जरी के साइड-इफैक्ट्स, फिर लें रिस्क

punjabkesari.in Sunday, Mar 25, 2018 - 11:04 AM (IST)

खूबसूरत दिखना कौन नहीं चाहता। हर कोई अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए नए-नए ट्रीटमेंट, ब्यूटी प्रॉडक्ट्स, एक्ने स्कार, कैमिकल पील, माइक्रोडर्माब्रेजन, लेजर हेअर रिमूवल, इंस्टंट फेसलिफ्ट, नॉन सर्जिकल बॉडी कलरिंग, दांतों की सफाई और सफेदी, बोटोक्स ट्रीटमेंट, यहां तक कॉस्मेटिक सर्जरी का भी सहारा ले रहे है। जहां यह ट्रीटमेंट हमे खूबसूरती प्रदान करते है, वहीं इनको करवाने से पहले और बाद में कई बातों पर ध्यान भी रखना पड़ता है क्योंकि सर्जरी के कई साइड-इफैक्ट भी होते है। अगर आप इसका सहारा ले भी रहे है तो किसी एक्सपर्ट सर्जन की सलाह लेकर ही सर्जरी करवाएं। आज हम आपको अलग-अलग सर्जरी से होने वाली दिक्कतों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। 

 

 
हेयर रेस्टोरेशन (गंजेपन) 
यह सर्जरी तीन तरह की होती है। पहली सर्जरी में सिर की खाली जगह पर 3-4 मिमी बालों सहित स्किन को निकालकर ट्रांसप्लांट किया जाता है। दूसरी में सिर के दोनों तरफ के बाल व त्वचा सिर के आगे लाई जाती है। वहीं तीसरी सर्जरी में त्वचा को डबल करने के लिए लिसिकॉन ब्लून को बालों के नीचे लगाया जाता है लेकिन वहीं इन ट्रीटमेंट के कारण सर्जरी के बाद इंफैक्शन, निशान या ब्लीडिंग हो सकती है। 

 


राइनोप्लास्टी( नोज जॉब)
जिन लोगों को नाक मोटी और चौड़ी या कोई अन्य् प्रॉबल्म होती है तो उसे परफैक्ट शेप देने के लिए राइनोप्लास्टी सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी से नाक की त्वचा पर लाल चकत्ते, सूजन व ब्लीडिंग भी हो सकती है। अगर आप इस सर्जरी को करवाने के रिस्क ले भी रहे है तो छह महीने तक धूप में न जाएं। 

 

 
आईब्रो लिफ्ट 
यह सर्जरी भी दो तरह से होती है जैसे बोटोक्स व थ्रेड लिफ्ट। इस सर्जरी के जरिए झुकी हुई आईब्रोज और माथे की लटकी त्वचा को सेट किया जाता है लेकिन इस सर्जरी के कारण इंफैक्शन, निशान पड़ना या फिर वहां की त्वचा का संवेदनशील न रह जाना जैसी प्रॉबल्म खड़ी हो सकती है। 

 


फेस लिफ्ट  
कुछ लोग अपने चेहरे पर मौजूद बुढ़ापे की निशानियां जैसे झुर्रियां या ढीली पड़ी स्किन को टाइट करने के लिए इस सर्जरी का सहारा लेते है। इस सर्जरी के जरिए त्वचा पर मौजूद एक्सट्रा स्किन निकाल दी जाती है। इस सर्जरी के कारण इंफैक्शन, त्वचा का रंग बदल जाना, चेहरे की धमनियों को क्षति जैसे साइड-इफैक्ट हो सकते है।
 


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