सिर्फ मोटापे से नहीं इस बीमारी के कारण भी फूलता है पेट, समझिए अंतर
punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 11:13 AM (IST)
नारी डेस्क: गलत खानपान और लाइफस्टाइल कई समस्याओं को न्योता देती है। कई बार लोग पेट में भारीपन यानी ब्लोटिंग को मोटापा समझने की गलती कर बैठते हैं। वैसे तो बलोटिंग (Bloating) और मोटापा (Obesity) दोनों ही स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे हैं, लेकिन ये अलग-अलग समस्याएं हैं और इनके प्रभाव भी अलग होते हैं। आज हम आपको विस्तार से समझाते हैं इन दोनों में क्या है अंतर
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बलोटिंग (Bloating)
बलोटिंग एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में गैस भर जाने के कारण पेट फूल जाता है। यह अक्सर खाने के बाद, खासकर जब भारी भोजन किया जाता है, महसूस होता है। पेट में फूला हुआ महसूस होना, पेट में दर्द, डकार आना, गैस, और कभी-कभी दस्त या कब्ज।
बलोटिंग के कारण
बलोटिंग के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अधिक फाइबर वाला खाना, खाने में हवा निगलना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) समस्याएं, लैक्टोज इन्टॉलरेंस, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), या हॉर्मोनल बदलाव। बलोटिंग अस्थाई और सामान्यतः गंभीर नहीं होती, लेकिन अगर लगातार हो रही है, तो यह किसी गंभीर आंतरिक समस्या का संकेत हो सकता है।
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मोटापा (Obesity)
मोटापा एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें शरीर में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। इसे बॉडी मास इंडेक्स (BMI) द्वारा मापा जाता है, जिसमें अगर BMI 30 या उससे अधिक होता है, तो व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त माना जाता है। अत्यधिक वजन बढ़ने पर सांस लेने में कठिनाई, थकान, जोड़ों में दर्द, और शारीरिक गतिविधि करने में कठिनाई होती है।
मोटापा का कारण
मोटापा कई कारणों से हो सकता है, जैसे उच्च कैलोरी वाले आहार का सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी, जेनेटिक कारण, हॉर्मोनल असंतुलन, और जीवनशैली। मोटापा कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, कैंसर, और ऑस्टियोआर्थराइटिस।
किससे है ज्यादा खतरा?
मोटापा बलोटिंग की तुलना में ज्यादा गंभीर स्थिति है। बलोटिंग आमतौर पर अस्थाई होती है और कम गंभीर होती है, जबकि मोटापा एक दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या है, जो जीवन को खतरे में डाल सकती है। मोटापे के कारण कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, और यह जीवन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, मोटापे से बचने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और जीवनशैली में सुधार करना आवश्यक है, जबकि बलोटिंग से निपटने के लिए आहार में कुछ बदलाव करना और संभावित कारणों को पहचानना मददगार हो सकता है।