क्या सचमुच संस्कारी होगा बच्चा, जानिए क्या है 'गर्भ संस्कार विधि'?
punjabkesari.in Tuesday, Jan 05, 2021 - 12:54 PM (IST)
भला कौन-से पेरेंट्स नहीं चाहते कि उनका बच्चा गुण व संस्कारी हो। इसके लिए वो जिंदगी भर बच्चे का साया बनकर उन्हें रास्ता भी दिखाते हैं और सही बातें समझाते हैं लेकिन आजकल पेरेंट्स गर्भ में ही बच्चे को गुण और संस्कारी बनाने की थेरेपी ले रहे हैं। जी हां, एक्सपर्ट का मानना है कि गर्भ संस्कार विधि से बच्चे को गुणी और संस्कारी बनाया जा सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह तकनीक और इसके फायदे...
क्या होता है गर्भ संस्कार?
दरअसल, डॉक्टरों का मानना है कि गर्भ में पल रहे शिशु मां के आसपास मौजूद वातावरण से काफी कुछ सीखते हैं। यहां तक कि मां के अच्छे और बुरे मूड का असर भी बच्चे पर पड़ता है। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में शिशु का दिमाग विकसित हो जाता है, जिससे वो बाहरी गतिविधियों को महसूस करता है। ऐसे में इस तकनीक के जरिए शिशु को अच्छा आहार, आध्यात्मिक ज्ञान और संगीत से जोड़ा जाता है, ताकि उसपर अच्छा असर हो।
कब से शुरू होती है विधि?
वैसे तो आप प्रेगनेंसी के पहले महीने ही इसे अपना सकती हैं लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक तीसरे से चौथे महीना इसके लिए बेहतर है क्योंकि इस समय बच्चे की ग्रोथ होने लगती है। बता दें कि महाभारत ग्रंथ में भी इस विधि का जिक्र किया गया है। इस विधि के लिए आप किसी मेडिटेशन सेंटर या हॉस्पिटल की मदद ले सकती हैं। यही नहीं, आप इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन भी इसकी जानकारी ले सकती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान...
1. अच्छी सोच सेहतमंद शिशु की पहली नींव है इसलिए मां को हमेशा खुश और पॉजिटिव रहना चाहिए। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
2. प्रेगनेंसी में पोषणयुक्त आहार जैसे मौसमी फल, दूध, दही, घी, मक्खन, हरी सब्जियां, नट्स आदि खाएं। मीठा खाने का मन हो तो गुड़ का सेवन करें लेकिन चीनी से जितना हो सके परहेज रखें।
3. अल्कोहोल या धूम्रपान का सेवन भी बिल्कुल न करें क्योंकि इससे सिर्फ शिशु ही नहीं आपकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।
4. गर्भ संस्कार विधि में संगीत अहम है। जब अच्छे संगीत की ध्वनि बच्चे तक पहुंचती हैं तो वह भी पॉजिटिव हो जाता है। इसके लिए आप अध्यात्मिक गाने, श्लोक या मंत्र सुन सकते हैं, जिससे आपका भी मन शांत रहेगा।
5. स्ट्रेस से बचने के लिए रोजाना कम से कम से 30 मिनट योग व मेडिटेशन जरूर करें। शुरूआत में आप 15 मिनट मेडिटेशन कर सकती हैं।
6. गर्भ संस्कार विधि में अध्यात्मिक और पॉजिटिव किताबें पढ़ने की सलाह दी जाती है, ताकि आपका मन शांत रहें और आपके आसपास अच्छी वाइब्स बनी रहे।
गर्भसंस्कार के हैं कई फायदे...
. इससे शिशु के दिमाग का विकास होता है और वह भविष्य में बुद्धिमान बनता है।
. इससे शिशु में अच्छी आदतें आती हैं। वहीं, योग, संगीत और आहार से शिशु पर अच्छा असर पड़ता है।
. सिर्फ शिशु ही नहीं इससे महिलाों को भी लाभ होता है क्योंकि वो तनावमुक्त रहती है, जिससे डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी समस्याएं नहीं होती।
. इतना ही नहीं, इससे शिशु की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और आप कई बीमारियों से बची रहती हैं। साथ ही इससे शिशु में कई बीमारियों का खतरा भी कम होता है।