डिप्रेशन में रोई, घबराई, उदास हुई पर टूटी नहीं दीपिका, लोगों को भी दिए टिप्स

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 12:38 PM (IST)

दीपिका पादुकोण आज बॉलीवुड इंडस्ट्री की एक सफल व स्ट्रांग अभिनेत्री है लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने अपने जीवन में काफी चुनौतियों भरा समय देखा। इतना ही नही इन चुनौतियों के कारण वह डिप्रेशन में भी चली गई थी, जिससे बाहर निकलने के लिए उन्होंने काफी हिम्मत दिखाई। इस दौरान वह न रोई , घबराई न ही उदास हुई बल्कि हिम्मत के साथ इसका सामना किया। इसमें उनकी मां उज्जवला पादुकोण ने भी उनकी मदद की। 

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने  इस समय को शर्म व अफसोस की तरह न लेकर अपने अनुभव को सबके साथ सांझा किया। उन्होंने बताया कि इस तरह की स्थिति में किस तरह से लोग अपनी मेंथल हेल्थ को समझ कर इस से बाहर आ सकते है। दीपिका की स्थिति के बारे में जब उनकी मां उज्जवला को पता चला तो उन्होंने काउंसलर से बात की। उसके बाद उन्होंने इसकी दवाई ली व इलाज करवाने की लिए राजी हुई। 

डिप्रेशन को दूर करने के लिए दीपिका ने दिए टिप्स 

 न रहे अकेले

इस स्थिति में कभी भी अकेले नही रहना चाहिए। ऐसी स्थिति में दीपिका के लिए काम करना बहुत ही मुश्किल होता था वह बिस्तर से उठना भी पसंद नही करती थी लेकिन उनकी मां व मैनेजर ने उन्हें कभी भी अकेले नही छोड़ा। हमेशा कोई न कोई उनके साथ रहता था ताकि जब भी कोई ऐसी स्थिति हो जिसमें वह रोेने लगे या कुछ महसूस करें तो उन्हें पता लग जाए। 

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जरुर करें बात 

ऐसे में किसी से भी बात करना बहुत ही जरुरी होता है चाहे वह दोस्त, प्रोफेशनल या परिवार का ही कोई सदस्य हो लेकिन आपको बात जरुर करनी चाहिए। अगर किसी ओर से बात न कर सकें तो अपने काउंसलर की जरुर मदद लें क्योंकि कई बार आप ऐसी बात शेयर नही कर पाते तो काउंसलर आपकी मदद करता है।

स्कूलों में किया जाए जागरुक 

दीपिका का मानना है कि स्कूल में ही बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना चाहिए ताकि वह जीवन में आने वाली इस मुश्किल को पहचान सकें। इतना ही स्कूल की टीचर्स को भी इस बारे में जागरुक करते है ताकि वह बच्चों में इस लक्षण को पहचान सकें। 

शुरु किया 'द लिव, लव एंड लाफ फाउंडेशन'

खुद डिप्रेशन से बाहर आने के बाद दीपिका ने 'द लिव, लव एंड लाफ फाउंडेशन' की शुरुआत की हैं। जो कि मरीजों को सहायता प्रदान करने के साथ उन्हें इस बीमारी के बारे में जागरुक भी करता हैं। उनके इस फाउंडेशन को उनकी बहन गोल्फर अनीशा पादुकोण चला रही हैं। हाल ही में फाउंडेशन द्वारा लेक्चर सीरीज लांच की गई है।  जिसमें यूएसए से आए पुलित्जर पुरस्कार प्राप्त लेखक, वैज्ञानिक व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सिद्धार्थ मुखर्जी ने लेक्चर दिया।

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डिप्रेशन के लक्षण

तनाव व चिंता में रहना
नींद की कमी होना 
उदासी के साथ नकारात्मक सोच का बढ़ना
भविष्य की चिंता में रहना 
भूख कम या ज्यादा लगना
छोटी- छोटी बातों पर गुस्सा आना
खुद को नुकसान पहुंचाना या जीवन को खत्म करने की इच्छा होना 

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डिप्रेशन से लड़ने के टिप्स 

खुल कर हंसे व खुद से प्यार करें। 
अपनी सेंसिटिविटी को बचा कर रखें।
सफलता हो या असफलता दोनों को स्वीकार करना सीखें। 
ठीक होने की खुद पर उम्मीद रखें।
डिप्रेशन व दुखी रहना दोनों अलग- अलग चीजें है इनके लक्षण को समझना चाहिए। 

 

 


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Content Writer

khushboo aggarwal

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